नई दिल्ली। अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी (ऑपरेशन के जरिए प्रसव) की होड़ के खिलाफ केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने मोर्चा खोला है। एक ऑनलाइन याचिका पर संज्ञान लेते हुए मेनका ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा को बुधवार को पत्र लिखकर कहा है कि अस्पतालों को सिजेरियन डिलीवरी के आंकड़ों को सार्वजनिक करना चाहिए, क्योंकि हमारे अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी घोटाले का रूप लेती जा रही है। [# यहां सुहाग उजड़ने के भय से करवा चौथ का व्रत नहीं] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
मेनका गांधी ने सिजेरियन डिलीवरी की वजह से महिलाओं की सेहत पर पडऩे वाले असर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मातृत्व स्वास्थ्य से जुड़े कई अहम मुद्दे इसमें शामिल हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है। मेनका ने कहा कि स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय से मैं अनुरोध करती हूं कि वे इस मामले को देखें। अस्पतालों को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करके सिजेरियन डिलीवरी का प्रतिशत सार्वजनिक करना बाध्यकारी बनाया जाए। इस बाबत ऑन लाइन याचिका पर हस्ताक्षर अभियान शुरू करने वाली सुबर्ना का कहना है कि अस्पतालों के आंकड़े सार्वजनिक होने पर लोग सावधानी से अस्पतालों का चुनाव कर पाएंगे। महिला व बाल विकास मंत्री ने बुधवार को ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर का सिलसिला शुरू करने वाली संस्था चेंज डॉट ओआरजी के सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने माना कि समस्या काफी गंभीर हो रही है और इसे रोकने की जरूरत है।
मानकों की हो रही अनदेखी
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