मुंबई। बीएमसी की 277 में से 225 सीटों के नतीजे आ
चुके हैं। शिवसेना और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर है हालांकि किसी
भी पार्टी के पास बहुमत नहीं है। शिवसेना को 84, बीजेपी केा 82, एनसीपी केा
9, एमएनएस को 7 और अन्य को 14 सीटों पर जीत हासिल हुई है। बीजेपी ने मुंबई
महानगर पालिका की एक सीट पर लॉटरी से जीत हासिल की है। वहीं दो सीटों पर
मतगणना अभी जारी है।
शिवसेना के विजयी उम्मीदवारों में तेजस्विनी घोसाळकर ,अनिल कोकीळ,
श्रद्धा जाधव, मिलिंद वैद्य, सिंधू मसूरकर, स्वप्नील टेंबवलकर, सुरेंद्र
बागलकर विजयी, विशाखा राऊत, सुरेश पाटील, अरुंधती दुधवडकर, दिपाली गोसावी
का नाम शामिल है। भाजपा के विजयी उम्मीदवारों में नील सोमैया, पराग शहा,
अनिता पांचाळ, अनुराधा पोतदार, हर्षदा नार्वेकर, दीपक ठाकूर, दीपक
ठाकूरमनोज कोटक, प्रकाश गंगाधारे, कल्पना केणी, मधून प्रभाकर शिंदे, समिता
कांबळे का नाम शामिल है। कांग्रेस के विजयी उम्मीदवारों में आशा कोपरकर,
सुषमा कमलेश राय, विन्नी डिसोझा, निकिता निकम का नाम शामिल है। वहीं एनसीपी
की ओर से ज्योती हारून खान और डॉ. सईदा खान ने जीत दर्ज की। मनसे की ओर से
अर्चना भालेराव, दिलीप लांडे और संजय तुरडे जीते। समाजवादी पार्टी की सीट
पर शायना खान की जीत हुई। सुब्रमण्यम स्वामी का ट्वीट... बीएमसी चुनाव पर सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करके कहा है कि शिव सेना और
भाजपा को एक हो जाना चाहिए क्योंकि दोनों में हिंदूत्व के खून का रिश्ता
है। सुब्रमण्यम स्वामी ने दोनों को साथ लाने के लिए काम करने की भी बात भी
कही। [# सुरक्षा चिंता: मोदी सरकार हथियार खरीदने में दुनिया में सबसे आगे] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
महाराष्ट्र की 10 नगरपालिकाओं में से बीजेपी ने 8 नगरपालिकाओं में कमल
खिला है। इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि पीएम मोदी की लहर
अभी भी बरकरार है। गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि है हम लोगों के
फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन गठबंधन पर आखिरी फैसला कोर कमेटी करेगी।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस
दोनों ने ही मुंबई में अपना मेयर होने का दावा किया है। उद्धव ठाकरे ने कहा
कि न सिर्फ मेयर बल्कि अगला मुख्यमंत्री भी हमारा होगा। उद्धव के इस बयान
से राज्य में मध्यावधि चुनाव की भी अटकलें लगाई जा रही हैं। लेकिन इस चुनाव में अपनी राहें अलग करने वाली
शिवसेना और भाजपा ऐसे मोड़ पर पहुंच गई हैं, जहां एक-दूसरे के साथ के बिना
उनके लिए निगम पर काबिज होना मुश्किल होगा। दोनों को नगर निगम पर काबिज
होने के लिए या तो आपस में या फिर अपनी कट्टर विरोधी कांग्रेस से हाथ
मिलाना होगा।
बीएमसी चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। BJP का मुंबई निकाय चुनावों में यह
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। मगर 227 सीटों वाली बीएमसी में जादुई आंकड़ा 114 का है, जो किसी के पास
नहीं है। इस तरह अब शिवसेना और भाजपा के लिए अपनी धुर विरोधी कांग्रेस के
साथ के बिना मुंबई नगर निगम पर काबिज होना असंभव है। बहुमत के लिए आंकड़े
के लिए दोनों को 30 से ज्यादा सीटें चाहिए होंगी, जो कांग्रेस के पास ही
है। ऐसे में सत्ता के इस गेम में कांग्रेस की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है।
विजयी उम्मीदवारों में ...
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