जोधपुर । जूनागढ़ से जोधपुर लाई गई एशियाटिक लॉयनेस आरटी के तीन शावकों में से एक की मौत हो गई है। शेरनी अपने शावकों को दूध नहीं पिला रही है, इसी कारण एक शावक ने दम तोड़ दिया । अब सफारी के विशेषज्ञों ने अन्य दो शावकों को मां की ओर से दूध नहीं पिलाने के बाद उन्हें डिहाइड्रेशन से बचाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इससे पहले शेरनी आरटी ने माचिया जैविक उद्यान में 7 जून 2016 को दो अपरिपक्व (प्री-मैच्योर) शावकों को जन्म दिया था। जन्म के मात्र 12 घंटे में एक शावक की मौत हो गई थी और उसके बाद 13 दिन का दूसरा शावक भी मौत के मुंह में चला गया । दरअसल जंतुआलय में जन्मी शेरनी अनुभव नहीं होने से अपने ही अपरिपक्व शावकों के प्रति ममत्व नहीं दर्शा सकी थी और अब आरटीके के इसी व्यवहार से एक शावक की मौत हो गई है ।
मां के दूध की जगह पैटलेक का सहारा:
मां के दूध से वंचित शावकों के लिए अमरीका से आयातित विशेष दूध का पॉउडर पैटलेक पिलाया जा रहा है। चिकित्सक डॉ. आर. एस. कडि़वार के अनुसार यह दूध विशेष तौर पर लॉयन शावकों-पैटस के लिए होता है । विशेषज्ञ मानते है कि समय रहते शेरनी अपने शावकों को नहीं संभालती है तो दोनों शावकों की चिंता बढ़ सकती है ।
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