टोंक। वह 18 साल की उम्र से ट्रक ड्राईवर है लम्बे समय तक बाहर रहने से गलत संगत में पडकर एड्स जैसी बीमारी की चपेट में आ गया। जिसके चलते पत्नी भी एचआईवी पॉजीटिव हो गई उससे जन्मे दो बच्चें भी पॉजीटिव है। आईसीटीसी टोंक से दवाई लेने के बाद तीसरे बच्चें की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जिससे परिवार को अंधेरे में रोशनी की किरण दिखाई दी। एड्स पीडित माता-पिता के सभी बच्चों को राज्य सरकार की पालनहार योजना तहत एक-एक हजार रूपये हर महीने देने का प्रावधान है दो बच्चों को इस योजना का लाभ मिलना प्रारम्भ भी हुआ। लाडली सम्मान अभियान के तहत जब ग्राम मित्रों ने ग्राम पंचायत घास में घर -घर दस्तक दी, उसी दौरान एड्स पीडित ने अपनी व्यथा बताई, उन्होंने बताया कि गत वर्ष से पालनहार योजना के तहत उनके बच्चों को राशि का भुगतान नहीं हो रहा है। अभियान के ग्राम मित्रों ने तीसरे बच्चे की योजना से जोडने के प्रयास शुरू कर दिये हैं।
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