जोधपुर । सर्दियों में रूस के साइबेरिया से भारत में प्रवास के लिए आने वाली कुरजां पर इन दिनों कीटनाशक का कहर जानलेवा साबित हो रहा है । फलोदी तहसील के खींचन गांव में शीतकालीन प्रवास पर आये कुरजां पक्षियों में से दो पक्षियों की कीटनाशक खाने से मौत हो गई थी तथा एक दिन पूर्व उपचार के लिए रेस्क्यू सेंटर में भर्ती तीनों पक्षियों ने भी गुरुवार को दम तोड़ दिया। जिनका वन विभाग द्वारा पोस्टमार्टम करवाया गया। [@ वचन निभाने को लड़ते हुए दो बार दी थी इस वीर ने जान!] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
इसके अलावा एक और तालाब में कुरजां बीमार पाई गई। पक्षी प्रेमी सेवाराम माली के अनुसार रातड़ी नाडी पर एक कुरजां अचानक तालाब के पानी में गिर गई। जिसे पानी से बाहर निकालकर उपचार के लिए रेस्क्यू सेंटर भेज दिया। रेस्क्यू सेंटर से कुरजां को गंभीर हालत में जोधपुर रैफर किया जहाँ तीनों पक्षियों की मौत हो गई। अब तक कुल पांच पक्षियों की मौत हो चुकी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक इन पक्षियों की मौत कीटनाशक खाने से हुई है। ऐसे में सवाल ये है कि तीन हजार किलोमीटर दूर से प्रजनन के लिए प्रवास पर आने वाले पक्षी की देखरेख में कहाँ कमी आ रही है क्योंकि सरकार भी चाहती है कि कुरजां का कलरव सैलानियों के साथ हमारी संस्कृति का हिस्सा भी है । और इनकी सुरक्षा के लिए ठोस बंदोबस्त भी होने चाहिए ।
पांच डॉक्टरों के पैनल ने किया अंसारी का पोस्टमार्टम,गाजीपुर में होगा सुपुर्द-ए-खाक
कांग्रेस का आरोप: भाजपा पार्टी को आर्थिक रूप से पंगु बनाना चाहती है
पीएम मोदी ने बिल गैट्स को दिए अच्छी जीवन शैली के मंत्र,यहां पढ़े
Daily Horoscope