नवांशहर।
नवांशहर के नगर कौंसिल में पिछले 6 महीने से नवांशहर नगर काँसिल
में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आपस में जंग चल रही है। इसी के तहत नगर
कौंसिल के ही कर्मचारियों ने एक दूसरे पर आरोप लगते रहे की नगर कौंसिल में
भ्रष्टाचार का बोल बाला है। नगर कौंसिल के कर्मचारी (कैशियर ) जितेंद्र
कुमार की तरफ से डिप्टी डायरेक्टर को लिखित शिकायत भेजी गई थी कि नवांशहर
नगर कौंसिल में स्ट्रीट लाइट के सामान तथा स्टेशनरी की खरीद में कमीशन लेन
देन का आरोप लगाया। [@ अरबपति है पंजाब का ताकतवर बादल परिवार, कार भी नहीं...] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
उन्होंने शिकायत में लिखा था कि जो भी सामान
7500 की खरीदी की गई है ,वही सामान उसी दुकान से बिल सहित 1800 रूपये में
खरीदी है। ऐसे ही स्टेशनरी में जो रिम बाजार में 350 रुपए में मिलता है
उसी रिम की कीमत 995 रुपए में खरीदते हुए दिखाया गया है। ऐसे ही एक पेपर
जो के बाकी की नगर कौंसिल ने 1. 5 रुपए में खरीदा है वही पेपर नवांशहर
नगर कौंसिल की तरफ से 4 रुपए 15 पैसे का खरीदा है , ऐसे और भी कई चीजें
हैं जिनकी खरीद में अंतर बताया गया है। इस शिकायत के तहत आज जब लोकल बॉडी
डिप्टी डायरेक्टर बरजिंदर सिंह नवांशहर नगर कौंसिल पहुंचे तो पत्रकारों
ने उनसे पूछा कि जब हाउस की मीटिंग होती है , तो क्या उसमें किसी विकास
संबंधी बिना एस्टीमेट तैयार किए प्रस्ताव पास किया जा सकता है कि नहीं।
पहले तो डिप्टी डायरेक्टर इसका जवाब गोलमोल तरीके से देते रहे फिर जब एक
पत्रकार ने सीधा पूछा के कौंसिल एक्ट के तहत क्या बिना एस्टीमेट के कोई
प्रस्ताव हाउस में पास किया जा सकता है कि नहीं बिना एस्टीमेट के प्रस्ताव
पास करना सही है या गलत। वह सीधा जवाब नहीं दे पाए तो उन्होंने कहा कि
फिर आप गलत समझ लो।
इसी जांच के लिए जालंधर से लोकल बॉडी डिप्टी
डायरेक्टर नवाशहर नगर कौंसिल में पहुंचे उन्होंने कौंसिल के रिकार्ड को चेक
किया तथा बारी बारी काउंसिल के कर्मचारियों से पूछताछ की जब इस मामले में
डिप्टी डायरेक्टर से बात की गई के को इस मामले में क्या कार्रवाई कर रहे
हैं तो उन्होंने कहा कि अभी वह इस मामले में कुछ नहीं कह सकते अभी जांच चल
रही है उनसे जब पूछा गया कि शिकायतकर्ता की तरफ से क्या बयान दर्ज करवाए
गए हैं तो उन्होंने कहा कि अभी वह कुछ भी नहीं बता सकते जब जांच पूरी हो
जाएगी तब सच सबके सामने आ जाएगा।
इस मोके पर
पार्षद वीरेंदर चोपड़ा डिप्टी डायरेक्टर को एक लिखित शिकायत दी है जिसमें
उन्होंने यह आरोप लगाया है कि नगर कौंसिल चंदन इलेक्ट्रॉनिक्स नया नंगल को
फायदा पहुंचाने के चक्कर में यह कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि बिना
हाउस में प्रस्ताव को पास किए ही कांट्रेक्टर को ठेका देने की कोशिश की जा
रही है। उन्होंने इस संबंध में हाउस की बैठक में भी विरोध जताया है
उन्होंने डिप्टी डायरेक्टर से कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो तथा
स्टेट विजिलेंस पंजाब की तरफ से भी नगर कौंसिल के कामों की जांच कराई जाए
जिससे सभी के सामने सच्चाई आ सके।
जांच के बाद
कार्यकारी अधिकारी के दफ्तर में बैठे डिप्टी डायरेक्टर से मिलने के लिए
काउंसिल के प्रधान व कुछ पार्षद और कर्मचारी बातचीत करने के लिए पहुंच गए
बातचीत के दौरान किसी भी पत्रकार को दफ्तर में दाखिल नहीं होने दिया गया।
जितनी देर बातचीत चलती रही उतनी देर तक दफ्तर के दरवाजे बंद कर अंदर से
कुंडी लगा दी गई इस दौरान दफ्तर के बाहर चर्चा होनी शुरू हुई कि अगर किसी
संबंध में जांच चल रही है तो वह निष्पक्ष होनी चाहिए शहर के संबंध में अगर
कोई बातचीत हो रही है तो भी दफ्तर की दरवाजा बंद नहीं करनी चाहिए।
काउंसिल
का काम पारदर्शिता के साथ होना चाहिए जब देर तक दरवाजा नहीं खोला गया तो
बाहर खड़े लोगों में चर्चा होने लगी कि दाल में कुछ काला है।अब देखना यह
होगा की डिप्टी डायरेक्टर के जाँच के बाद किस कर्मचारी पर गाज गिरती भी या
या इस केस को दबा दिया जायेगा।
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