उन्होंने कहा था, ‘पत्थरबाजों और राष्ट्रीय हित के खिलाफ जो भी काम करेगा,
उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि राष्ट्रीय हित सबसे ऊपर है।’ [# यहां पति-पत्नी 5 दिनों के लिए बन जाते हैं एक दूसरे से अंजान, जानिए क्यों ]
जनरल
रावत ने कहा था कि कश्मीर घाटी में स्थानीय लोगों के शत्रुतापूर्ण आचरण के
कारण लोग अधिक हताहत होते हैं और सुरक्षा बलों के आतंकवाद रोधी अभियानों
के दौरान हमला करने वालों के साथ ‘राष्ट्र विरोधी’ के तौर पर बर्ताव होगा
और उनके खिलाफ ‘सख्त कार्रवाई’ होगी। कश्मीर घाटी में दो अलग-अलग मुठभेड़ों
में एक मेजर समेत सेना के चार जवानों शहीद होने के एक दिन बाद जनरल रावत
का यह बयान सामने आया था। मंगलवार को हुई मुठभेड़ में चार आतंकवादी भी मारे
गए थे।
पत्थरबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी वाले सेना प्रमुख
के बयान को कुछ राजनीतिक दलों ने अलोचना की थी। कांग्रेस ने इसे
‘ज्यादती’, तो कश्मीर में विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेंस इसे ‘दुखद’ करार दिया
था।
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