सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार के वकील ने शहाबुद्दीन और तेज प्रताप का
बचाव करते हुए कहा- जब आरोपी की फोटो दोनों के साथ आई तब आरोपी के खिलाफ
कोई गैर-जमानती वारंट जारी नहीं हुआ था। वहीं तेजप्रताप यादव की तरफ से
सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है उन्होंने उनसे (पत्रकार का हत्या आरोपी से)
गुलदस्ता लिया था, लेकिन वह हत्या में शामिल नहीं है। तेज प्रताप और
शहाबुद्दीन ने यह भी कहा कि वे एक पब्लिक समारोह में आरोपियों से मिले थे
और यह सब अकस्मात था। वैसे भी उस वक्त उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी
नहीं हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के वकील से पूछा कि मामले में
किस धारा के तहत चार्जशीट दाखिल हुई तो वह बता नहीं पाए। इस पर सुप्रीम
कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा- हम केस को दिल्ली ट्रांसफर कर देंगे।
अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी।
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