मेरठ। जसवंत राय अस्पताल में एक टांगघात कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में कई ऐसे मरीजो की जांच की गई जिसमें टांकघात का खतरा बना हुआ है। कार्यशाला में मौजूद वरिष्ठ हृदय रोग विशेज्ञय डा0 राजीव अग्रवाल की माने तो हार्टअटैक व ब्रैनअटैक से कही अधिक टांगघात घातक सिद्ध होता होता है। इस बीमारी को परीधीय संवहनी रोग (Peripheral Vascular Disease) कहते है। साथ ही इस रोग में घमनी की भीतरी दिवार में वसा जिसे फ्लैक कहा जाता है, के जमने के कारण होता है। इससे रक्तवाहिनी संकरी व कमजोर हो जाती है जिस कारण शरीर के टॉग व बाजु आदि भाग में कम आक्सीजन वाला रक्त प्रवाह होता है जिससे कोशिकाए मृत भी हो जाती है जिस कारण टॉग व बाजु में ऐठन होती है इसे ही टांगघात कहते है। [@ यहां मिलते है पालतू जहरीले बिच्छू,नहीं मारते डंक] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
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