चेन्नई। जल्लीकट्ट से जु़डा बिल तमिलनाडु विधानसभा में सर्वसम्मति पास हो गया
है। सरकार ने पशुओं पर क्रूरता से जु़डे बिल में संशोधन किया है। शाम के
वक्त छात्र नेताओं ने साफ किया जो अब प्रदर्शन कर रहे हैं उनमें से कोई भी
छात्र नहीं है। [@ हिमाचल कांग्रेस में छिड़ी राजनेताओं के रिटायरमेंट की जंग]
इससे पूर्व की खबर के अनुसार तमिलनाडु पुलिस ने सांड को काबू करने के प्राचीन खेल के समर्थन में मरीना बीच पर करीब एक सप्ताह से चल रहा शांतिपूर्ण प्रदर्शन हिंसक हो गया है। चेन्नई में मरीना बीच पर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने आइस हाउस थाने
में आग लगा दी है। और थाने में रखी लगभग 25 गाडियों को आग के हवाले कर दिया
है। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर आइस हाउस थाने में भी
फेंकना शुरू कर दी, इससे वहां आग लग गयी। आगजनी की वजह से सभी गाडियां जलकर
खाक हो गयी है। मरीना बीच पर अफरातफरी का माहौल है, और पुलिस ने
प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के
गोले फेंके हैं।
दरअसल पुलिस मरीना बीच पर जमे इन प्रदर्शनकारियों को हटाने
की कोशिश कर रही थी इस दौरान प्रदर्शनकारी उग्र हो गये और उन्होंने
पत्थरबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों की पत्थरबाजी में लगभग 22
पुलिसकर्मी घायल हो गये हैं। पुलिस ने लगभग 150 प्रदर्शनकारियों को हिरासत
में ले लिया है। राज्य के दूसरे हिस्सों से भी हिंसा की ऐसी ही ख़बरें आयी
हैं। मदुरै के कई इलाक़ों में पुलिस ने धारा-144 लगा दी है।
पुलिस ने मरीना बीच की ओर जाने वाले सभी मार्गो को घेर लिया है। पुलिस की कार्रवाई जल्लीकट्ट के आयोजन की मांग को लेकर करीब एक सप्ताह से चल रहे विरोध प्रदर्शन के बाद हुई है। प्रदर्शनकरी इसके लिए अध्यादेश लाए जानेभर से संतुष्ट नहीं हैं और इस मुद्दे पर एक स्थायी समाधान चाहते हैं। पुलिस की कार्रवाई सोमवार को राज्य विधानसभा की वर्ष 2017 में पहली बैठक के समय हुई है।
पुलिस ने प्रदर्शन स्थल पर बैठे प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाया। कोयम्बटूर में पुलिस ने मिट्टी के तेल का डिब्बा लेकर खुद को जलाने की धमकी दे रहे शख्स को तुरंत काबू में किया और उसे ऐसा करने से रोका। मदुरै में प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे और पुलिस ने उन्हें प्रदर्शन स्थल से जाने के लिए समझाने की कोशिश की। जल्लीकट्ट के आयोजन के लिए एक अध्यादेश जारी होने के बाद राज्य सरकार ने रविवार को कई स्थानों पर जल्लीकट्ट का आयोजन किया।
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि केंद्र सरकार प्रदर्शन के लिए पशुओं का इस्तेमाल न किए जाने की सूची में से सांड को हटा दे।
पुलिस ने राज्य के अन्य इलाकों से भी प्रदर्शनकारियों को चले जाने को कहा। तिरुनेलवेली जिले में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के आग्रह पर प्रदर्शन रोक दिया। अध्यादेश जारी होने के बाद जल्लीकट्ट पथुकप्पु पेरावई के अध्यक्ष पी. राजशेखर ने प्रदर्शनकारियों से प्रदर्शन समाप्त करने का आग्रह किया था।
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