बीजिंग। भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर इन दिनों चीन के दौरे पर हैं। इस यात्रा का केंद्रबिंदु चीन-भारत रणनीतिक बातचीत है। भारत ने जैश-ए-मोहम्मद मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध की मांग पर भारत का साथ न देने वाले चीन से रिश्ते सुधारने की बात, कही है। विदेश सचिव जयशंकर ने बुधवार को चीन के शीर्ष राजनयिक यांग जिएची से बातचीत के बाद सकारात्मक रिश्ते विकसित करने के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता जताई। इस मुलाकात को इसलिए अहम् माना जाता है, क्योंकि एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत की कोशिशों पर चीन लगातार अड़ंगा लगा रहा है। [# मसूद अजहर पर बैन न लगाने के लिए चीन के ये कैसे तर्क !] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
श्रीलंका से बीजिंग पहुंचे जयशंकर ने चीन के स्टेट काउंसिलर यांग से मुलाकात की। यांग भारत और चीन के बीच सीमा विवाद निबटाने के तंत्र के लिए चीन के विशेष प्रतिनिधि हैं। चीन सरकार में कम्युनिस्ट पार्टी के स्टेट काउंसिलर को देश के नेतृत्व के तहत सीधे काम करने वाले शीर्ष राजनयिक की हैसियत प्राप्त है। देश की सत्ता एवं कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्यालय झोंगनानहह्वाइ में जयशंकर का स्वागत करते हुए यांग ने कहा कि मतभेजों के बावजूद दोनों पक्षों के रिश्तों में पिछले साल सकारात्मक विकास हुआ। यांग ने चीन में भारत के राजदूत की हैसियत से जयशंकर के योगदान की सराहना की और कहा कि अनेक स्तरों पर दोनों देशों के बीच अच्चा संवाद एवं संचार है। अर्थव्यवस्था, कारोबार, संस्कृति एवं लोगों के आदान-प्रदान के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच अच्छा सहयोग जारी है।
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