इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लिए घर में भी
स्थितियां विकट होती जा रही हैं। एक तरफ वह भारत के कूटनीतिक दबाव,
अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में अकेला पडऩे की संभावना और अपनी ही सेना के साथ
मनमुटाव की पाटों में पिस रहे हैं, तो दूसरी ओर उनके लिए देश में भी
स्थितियां बेहतर होने की जगह और बिगड़ती दिख रही हैं। नवाज पर भ्रष्टाचार
के गंभीर आरोप लगाते हुए इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ
(पीटीआई) ने ‘इस्लामाबाद पर कब्जा’ करने की धमकी दी है।
शरीफ परिवार का
नाम पनामा लीक्स में सामने आने के बाद से ही उनके ऊपर हवाला के आरोप लग रहे
हैं। अब दीफा-ए-पाकिस्तान (डीपीसी) नाम के एक धार्मिक व राजनैतिक संगठन ने
जम्मू-कश्मीर में ‘भारतीय अत्याचारों’ के खिलाफ राजधानी इस्लामाबाद में
रैली आयोजित करने का फैसला किया है। कुल मिलाकर, नवाज ना केवल भारतीय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कथित नजदीकी और कश्मीर मुद्दे को लेकर, बल्कि
भ्रष्टाचार के कारण भी बड़ी मुश्किलों में फंसते हुए नजर आ रहे हैं।
पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो द्वारा नवाज पर कसा गया तंज, ‘मोदी का जो यार
है, गद्दार है गद्दार है’, को भी इन दिनों पाकिस्तानी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया
बार-बार अपने कार्यक्रमों में इस्तेमाल कर रहा है। नवाज पर संयुक्त राष्ट्र
में पाकिस्तान का पक्ष मजबूती से ना रख पाने का भी आरोप लग रहा है।
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