वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह अमेरिका के परमाणु हथियारों के जखीरे को अत्याधुनिक बनाना चाहते हैं, क्योंकि हथियारों की क्षमता में अमेरिका अन्य देशों से काफी पिछड़ गया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए गए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने यह भी कहा है कि उत्तरी कोरिया द्वारा खड़े किए गए खतरे को चीन आसानी से सुलझा सकता है बशर्ते वह ऐसा करने की इच्छा रखता हो। [ जानिए कहां रहते थे अंतिम हिंदू सम्राट विक्रमादित्या, क्या है नाम..] [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
ट्रंप ने यूरोपियन यूनियन का भी एक गवर्निंग बॉडी के तौर समर्थन किया और इस्रायल-फलस्तीन विवाद को सुलझाए जाने को तरजीह देने की बात कहते हुए कहा कि वह ऐसे नतीजे से संतुष्ट होंगे जहां दोनों पक्ष सहमत हों। ट्रंप ने यह भी साफ कर दिया कि नाटो देशों को अपनी सुरक्षा के लिए अमेरिका को और अधिक धन देना होगा ताकि अमेरिकी बजट पर सुरक्षा का भार कम हो सके।
20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद ट्रंप ने पहली बार परमाणु हथियारों के ऊपर कोई कॉमेंट दिया है। ट्रंप से उनके द्वारा दिसंबर महीने में किए गए ट्वीट के बारे में भी पूछा गया जिसमें कहा गया था कि अमेरिका को खुद को मजबूत करते हुए अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को बढ़ाना चाहिए। ट्रंप ने कहा, ‘परमाणु हथियारों को तब तक बढ़ाया जाना चाहिए जब तक कि दुनिया इस मामले में समझदारी नहीं दिखाती।’
हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि वह दुनिया को बगैर परमाणु हथियारों के देखना चाहते हैं, लेकिन अमेरिका परमाणु हथियारों की क्षमता में दूसरे देशों से पिछड़ रहा है। ट्रंप ने कहा, ‘मैं वह पहला व्यक्ति होऊंगा जो दुनिया को बगैर न्यूक्लियर हथियारों के देखना चाहता है लेकिन हम परमाणु हथियारों के मामले अपने मित्र देशों से पिछडऩा भी नहीं चाहते। यह एक बेहद अच्छा सपना है कि दुनिया में परमाणु हथियार न हों लेकिन अगर दूसरे देशों के पास ये हथियार होंगे तो अमेरिका इस मामले में सबसे आगे रहेगा।’
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