नई दिल्ली। रूस में व्यापक स्तर पर हुए डोपिंग के खेल ने उसकी खेल जगत में छवि को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। इसकी वजह से देश का एक भी खिलाड़ी रियो ओलंपिक में भाग नहीं ले सकेगा। पर सवाल इस बात को लेकर उठ रहे हैं रूसी खेल जगत में इतना बड़ा डोपिंग स्कैंडल स्कैंडल कैसे अंजाम दिया गया? सरकार की इसमें क्या भूमिका थी? क्या वह स्कैंडल भी सीधे तौर पर शामिल थी और यह फिर शरपरस्ती हासिल थी? दरअसल, इस स्कैंडल को बहुत सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया जाता था और इसमें सरकार के भी शमिल होने की बात कही जा रही है। मगर इस सारे ‘खेल’ को 2014 सोची विंटर ऑलंपिक के दौरान रूस के एंटी-डोपिंग लैबोरेटोरी के डायरेक्टर रहे ग्रीगोरी रॉडशेनकॉफ के साक्षात्कार ने बिगाड़ दिया।
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