मिर्जापुर । व्रत-उपवास का जितना आध्यात्मिक महत्त्व है, उतना वैज्ञानिक भी । इसलिए नवरात्र के अवसर पर यदि नौ दिन व्रत के स्थान पर तीन दिन भी व्रत रखा जाए तो नौ दिन के व्रत के समान वह फलदायी होगा। इस संबन्ध में आध्यात्मिक उपासकों की एक चिंतनगोष्ठी में सलिल पाण्डेय ने बताया कि प्रायः लोग प्रथम दिवस और अष्टमी या नवमी में व्रत रहते है, ऐसे लोगों को बीच में एक दिन अपनी सुविधानुसार व्रत रह लेना चाहिए । तीन दिवस के व्रत से दैहिक-दैविक-भौतिक तीनों तापों पर नियंत्रण होता है । इसके अलावा आकाश-पाताल और धरती से निकलने वाली तरंगीय शक्ति प्राप्त होती है । नवरात्र में सिर्फ एक दिन के व्रत का निषेध है ।
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