शिमला । हिमाचल प्रदेश मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन की राज्य ईकाई के अध्यक्ष
नृपजीत सिंह ने वन वृत्त नाहन में कार्यरत
वरिष्ठ सहायक प्रताप चंद की हृदय गति रुक जाने से हुए अकस्मात देहांत पर गहरा शोक व्यक्त
किया है। इसके अतिरिक्त वन्य प्राणी मंडल शिमला
में कार्यरत वरिष्ठ सहायक श्याम लाल को अपने कार्यालय में हुए ब्रेन स्ट्रोक होने पर
भी गहरा दुःख व्यक्त किया है । श्याम लाल का चंडीगढ़ के पीजीआई में इलाज चल रहा है।
नृपजीत सिंह ठाकुर ने बताया कि पिछले कई वर्षों
से वन विभाग में मिनिस्ट्रियल स्टाफ की भारी कमी चल रही है । यही नहीं कई वरिष्ठ सहायक
पिछले 20 वर्षों से पदोन्नति का रास्ता देख रहे हैं । हिमाचल प्रदेश वन विभाग में पिछले
वर्षों में लिपिकों की नाम मात्र की भर्ती की गयी है । इसी के चलते वन विभाग में कार्यरत मिनिस्ट्रियल स्टाफ काम के बोझ तले दबा हुआ है,
जिसके फलस्वरूप अनेक कर्मचारी डिप्रेशन जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं ।
कुछ वरिष्ठ
कर्मचारी 25 वर्षों से भी अधिक समय से एक ही पद पर कार्यरत होने के कारण निराशा और
कुंठा में कार्य करने पर विवश हैं । हिमाचल प्रदेश वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन की राज्य इकाई ने वन विभाग में कार्यरत कर्मचारियों
के साथ काम के बढ़ते बोझ और निराशा के कारण हो रही दर्दनाक घटनाओं का कडा़ नोटिस लेते
हुए अध्यक्ष नृपजीत सिंह की अध्यक्षता में एक आपात बैठक बुलाई और इन घटनाओं पर गहरी
संवेदना व्यक्त की है ।
एसोसिएशन ने बताया कि वन विभाग में लिपिकों की भर्ती और पदोन्नति
की प्रक्रिया तेज़ी से होनी चाहिए ताकि मिनिस्ट्रियल स्टाफ से काम का बोझ कम हो सके
और लम्बे समय से पदोन्नति तथा भर्ती न होने के कारण उनमे भरीं निराशा और कुंठा से उन्हें
बाहर निकाला जा सके । बैठक में एसोसिएशन के महाससचिव प्रवीण कुमार सहित बलविन्द्र कुमार,
जोगिन्द्र वर्मा, सुनील शास्त्री, राजेन्द्र नैहरिया, शशिपाल नड्डा, उद्धम ठाकुर, राजेन्द्र
बब्बी,एवं धर्मेन्द्र गुलेरिया आदि सदस्यों ने भाग लिया।
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