इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश में बाहुबलियों का नाम आते ही सबसे पहला नाम इलाहाबाद के बाहुबली नेता और समाजवादी पार्टी से पूर्व सांसद अतीक अहमद का आता है। इस पर दर्ज मुकदमों की फेहरिस्त देखने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी आंखेें तरेर लीं। हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार अतीक अहमद की उन सभी मुकदमों में जमानत रद्द कराने की अर्जी नहीं देती है तो वह इस मामले को दूसरी एजेंसी को जांच के लिए सौंपने पर बाध्य होगा। [@ रहस्य बनी दूसरी कक्षा की छात्रा गजल की मौत, सोशल मीडिया पर वायरल] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई कि एक व्यक्ति 1980 से लगातार अपराध पर अपराध किए जा रहा है और हर बार उसे जमानत मिल जाती है, जबकि जमानत की शर्त होती है कि यदि व्यक्ति दूसरे अपराध में शामिल होगा तो उसकी जमानत निरस्त कर दी जाएगी। कोर्ट ने पूछा कि प्रदेश सरकार ने अतीक अहमद की जमानत रद्द कराने के लिए क्या कदम उठाए हैं। मामले की सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की पीठ ने अतीक अहमद के अपराध का ब्यौरा पेश करने का निर्देश भी उत्तर प्रदेश पुलिस को दिया। इस पर कोर्ट को बताया गया कि अतीक अहमद पर कुल करीब 83 मुकदमे हैं जिनमें से 43 गंभीर किस्म के अपराध हैं। इन सब में वह जमानत पर जेल से बाहर है।
लोकसभा चुनाव 2024: 5 बजे तक बिहार में 46.72%,J&K में 65.08% मतदान दर्ज,सबसे अधिक पश्चिम बंगाल में 77.57% मतदान
लोकसभा चुनाव 2024: राजस्थान में 5 बजे तक 50.87% मतदान दर्ज,यहां देखे 12 सीटों में कितना मतदान हुआ
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बेगूसराय से नामांकन दाखिल किया
Daily Horoscope