क्या है मामला-
जांच एजेंसी ने उनके
खिलाफ मनी लांडरिंग का मामला पिछले साल दर्ज किया था। कुरैशी पर कर चोरी और
हवाला सौदों में शामिल होने के आरोपों में भी जांच चल रही है। इतना ही
नहीं, प्रवर्तन निदेशालय ने मीट कारोबारी कुरैशी पर मनी लांड्रिंग निवारण
अधिनियम के तहत नए आरोप निर्धारित किए हैं। ये आरोप कुरैशी के खिलाफ आयकर
विभाग की ओर से पिछले साल दिल्ली की स्थानीय अदालत में दाखिल कर चोरी
संबंधी आरोप-पत्र पर आधारित है। ईडी ने कुरैशी के खिलाफ इससे पहले विदेशी
विनिमय प्रबंध कानून (फेमा) के तहत जांच शुरू की थी। यह जांच भी आयकर विभाग
द्वारा उपलब्ध कराए गए कुछ दस्तावेजों पर आधारित थी। इन दस्तावेजों में इस
मीट कारोबारी और उसकी कंपनियों के हवाला कारोबार में संलिप्तता और फेमा
कानून के उल्लंघन में शामिल होने के संकेत थे।
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