लखनऊ। नोट बन्दी पर प्रधानमंत्री जी ने 50 दिन का समय मांगा था। आज 30 दिन पूरे हो चुके
हैं। इन 30 दिनों में हालत सुधरने की जगह बद से बदतर हो गये हैं। किसानों का धान
खरीदा नहीं जा रहा है। विवश होकर उसे औने पौने दाम पर अपना धान बेंचना पड़ रहा है।
बिचौलिये किसानों का खून चूस रहे हैं। पैसा न होने के कारण किसान खाद एवं बीज भी
नहीं खरीद पा रहा है। फलस्वरूप रबी की बुआई प्रभावित हो रही है। सरकार फर्जी आंकड़े
पेश कर जनता को दिग्भ्रमित कर रही है। छोटे उद्योग धन्धे बन्द हो रहे हैं। बैंकों
में पैसा नहीं है। तमाम ए.टी.एम. बन्द पड़े हैं। अब तो स्थिति यह हो गयी है कि
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी नोट बन्दी से उत्पन्न विकट स्थिति पर चिन्ता जाहिर की
जा रही है।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता आर0ए0 प्रसाद ने आज जारी बयान में कहा कि लाखों की संख्या
में मजदूर देश में रोजी-रोटी के लिए दर-दर भटकने के लिए मजबूर हैं। बैंकों में
लम्बी-लम्बी लाइन लगने से सैंकड़ों लोगों की असमय मृत्यु हो चुकी है और यह सिलसिला
अभी भी जारी है। बैंकों से पैसा न मिलने से आम जनता की रोज मर्रा की आवश्यकताएं
प्रभावित हो रही हैं। कहीं से भी कोई सुनवाई नहीं है। अभी 30 दिन में यदि यह हालात हैं तो आने वाले 20 दिनों में क्या स्थिति होगी इसका अंदाजा नहीं लगाया
जा सकता है
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