अम्बाला। देश-प्रदेश के अन्य हिस्सों की तरह अम्बाला के प्राचीन मंदिर हाथीखाना में भी शिवरात्रि पूरे उल्लास और श्रद्धा से मनाई जा रही है। यहां श्रदालुओं की सुबह से ही भगवान शिव के दर्शन करने के लिए लंबी लाईनें लगी हैं। शुक्रवार को सुबह चार बजे से ही अम्बाला के मंदिर जयकारों से गूंज उठे। अम्बाला छावनी में वर्ष 1844 में बने प्राचीन मंदिर हाथीखाना में श्रद्धालु मत्था टेक कर भोले शंकर से देश और प्रदेश में खुशहाली की कामना कर रहा था। श्रदालुओं का विश्वास है कि शिवरात्रि पर यहां भोले शंकर के दर्शन से हर मनोकामना पूरी होती है। यहां पूजा के लिए शिवरात्रि पर ही श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस अवसर पर मंदिर को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। यहां सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल तैनात करने के साथ ही कई व्यवस्थाएं की गई है। मंदिर की सेवा कर रहे महंत मोहन दास का यह कहना है कि यह प्राचीन मंदिर 1844 में निर्मित किया गया था। लोगों की इस मंदिर के प्रति अटूट आस्था है। इस बार मंदिर में भगवान शिव को 55 क्वींटल खीर का भोग लगाया जाएगा। [ सावधान हो जायें अब भ्रस्ट अफसर] [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
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