निजामाबाद-आजमगढ़। हस्तशिल्प कलाकारों
की नगरी निज़ामाबाद की माटी के जन्मे हस्तशिल्पी सोहित प्रजापति को राष्ट्रपति भवन
में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के हाथो सम्मानित किया गया। इस तरह से हस्तशिल्प में
राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत होने वाले सोहित प्रजापति निजामाबाद कस्बे के तीसरे
हस्तशिल्पी बन गये हैं। यहां के इन तीनों हस्तशिल्पियों में सोहित को सबसे कम उम्र
में यह सम्मान मिला है। उन्हें राष्टï्रपति ने अंगवस्त्रम, ताम्रपत्र व एक लाख
रूपये का चेक पुरस्कार स्वरूप प्रदान किया। उनके इस सम्मान से निजामाबाद के सभी
हस्तशिल्पियों के साथ-साथ क्षेत्र के लोग भी गौरवान्वित हैं।
जिले के निजामाबाद कस्बे में पाटरी
कला का उद्भव मुगल सम्राट आलमगीर के शासनकाल में हुआ था। कहा जाता है कि उस समय
यहीं के रहने वाले काजी अब्दुल फरह गुजरात प्रांत के मुख्य न्यायाधीश थे। उन्होंने
वहां पर इस कला से प्रभावित होकर वहां के कलाकारों को निजामाबाद कस्बे में लाकर
बसाया। इसका जिक्र वरिष्ठ आईपीएस अफसर शैलेन्द्र सागर की कहानी “माटी” में भी मिलता है। साथ ही यह कहना भी
गलत नहीं होगा कि यहां के कुम्हारों के हाथ मिट्टी को सोना बना देते हैं। इन जादुई
हाथों का ही कमाल रहा है कि यहां के हस्तशिल्पी अन्र्तराष्टï्रीय फलक पर ख्याति
अर्जित किये हैं और इस कला से जुड़े अनेक विभूतियों को प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर
समय-समय पर सम्मान व पुरस्कार भी मिला है।
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