नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को केंद्र सरकार को तब बेहद उलझन भरी स्थिति
का सामना करना पडा, जब प्रश्नकाल के दौरान रेल मंत्रालय से संबंधित सवाल का
जवाब देने के लिए सदन में न तो रेल मंत्री सुरेश प्रभु और न ही रेल राज्य
मंत्री मनोज सिन्हा उपस्थित थे।
इसके कारण सदन में हंगामा हुआ और सरकार को माफी तक मांगनी पडी।
लोकसभा
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी कहा कि आगे से इस तरह की घटना नहीं होनी
चाहिए।
प्रश्नकाल के दौरान, रेलवे मंत्रालय से संबंधित एक सवाल कार्यवाही सूची में
147 नंबर पर सूचीबद्ध था। 146 नंबर सवाल के पूरा होने के बाद अध्यक्ष ने
147 नंबर सवाल उठाया, जो रेल मंत्रालय की पहल गो-इंडिया स्मार्ट कार्ड से
संबंधित था। सवाल का जवाब देने के लिए सदन में उस वक्त न तो सुरेश प्रभु और
न ही मनोज सिन्हा उपस्थित थे।
इस हालात का मल्लकार्जुन खडगे के नेतृत्व में कांग्रेस के सदस्यों ने
जोरदार विरोध किया। मंत्री की अनुपस्थिति का मामला उठाते हुए खडगे ने सरकार
से यह जानने की मांग की कि जब उनके मंत्रालय से संबंधित सवाल प्रश्न सूची
में शामिल था, तब वे क्यों अनुपस्थित हैं। खडगे ने कहा कि ऎसा पहली बार
नहीं है, जब किसी सवाल के उठने पर संबंधित मंत्रालय के मंत्री सदन में
अनुपस्थित हैं। खडगे ने कहा,सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए
मंत्रियों को सदन में मौजूद होना चाहिए, लेकिन वे नियमों का पालन नहीं कर
रहे हैं।
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