क्योटो विश्वविद्यालय के डॉ. सकोडा ने बताया कि हाल के वर्षों में जनजाति लोगों के स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था और शैक्षणिक परिस्थितियों पर कई अध्ययन किए गए। किन्तु अभी तक किसी ने भी ये अध्ययन नहीं किया है कि उनकी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रथाएं उनकी जिन्दगी को कैसे प्रभावित करती है। डोशीश विश्वविद्यालय से आए मि. फुकुहरा ने बताया कि हाल ही के वर्षों में जनजाति के लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक परिस्थितियों पर काफी अध्ययन हुआ है। किन्तु अभी तक किसी ने भी ये जांच नहीं की है कि उनके आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परम्पराएं उनके जीवन को कैसे प्रभावित करती है। उन्होंने बताया कि अर्थव्यवस्था और मानव विज्ञान के अनछुए सम्बन्धों को जानने में हमारी रूचि हैं। गवरी की अस्वाभाविक अवधि, तीव्रता और गांव से गांव यात्रा से इन सम्बन्धों पर विस्तृत और सारगर्भित जानकारी प्राप्त हो सकती है।
अब्बास अंसारी पिता के जनाजे में शायद ही हो सकेंगे शामिल, लोगों ने कहा - जब राम रहीम को पैरोल तो...
हरियाणा में 1 अप्रैल से शुरू होगी गेहूं की खरीद, 417 मंडियों में खरीद केंद्र बनाए गए
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