अमेठी/अयोध्या। रविवार को नेपाल से सटे तराई के कई संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों ने
फ्लैग मार्च किया जहां सोमवार को पांचवें चरण में वोटिंग होनी है। [ श्याम मसाले ने कराई घर घर में मौजूदगी दर्ज] [ ये युवक रोज खा जाता है छिपकली और बिच्छू] [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
इससे
पूर्व यूपी विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण के मतदान के लिए प्रचार अभियान शनिवार शाम पांच बजे थम गया। 27 फरवरी को प्रदेश के 11 जिलों की 51 सीटों पर
वोटिंग होनी है। इस चरण में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय
निर्वाचन क्षेत्र अमेठी में भी मतदान होगा। इस चरण में एक तरफ जहां अमेठी में कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी की विरासत दांव पर होगी, वहीं दूसरी ओर राम का नाम का लेकर सियासत करने वाली भाजपा पर भी अयोध्या सीट पर कब्जे का भी दबाव होगा।
पांचवें चरण में अमेठी और अयोध्या सहित 52 सीटों पर मतदान होना है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में इनमें से लगभग 80 फीसदी सीटें वर्तमान सपा और कांग्रेस गठबंधन के पास हैं।
पांचवे चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तमाम नेताओं ने रैलियों को
संबोधित किया। गोंडा में रैली करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने
पीएम मोदी को निशाने पर रखा। उन्होंने कालेधन पर हमला बोलते हुए राहुल ने
कहा कि स्विस बैंक में पैसा पड़ा है लेकिन मोदी सरकार एक भी पैसा नहीं ला
सकी और अब कर्ज माफी का लालच दे रही है। इसके अलावा बीएसपी सुप्रीमो
मायावती ने भी देवरिया में रैली की। वहीं, यूपी सीएम अखिलेश यादव ने
सिद्धार्थनगर में जनसभा को संबोधित किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जिस गठबंधन के भरोसे उप्र में 300 से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं, उसमें सबसे चर्चित सीट अमेठी और अयोध्या भी हैं। अमेठी से उप्र सरकार के विवादित और दुष्कर्म के आरोपी मंत्री गायत्री प्रजापति चुनाव मैदान में हैं।
खनन घोटाले को लेकर विपक्ष के लगातार निशाने पर रहे गायत्री पर अंतिम दौर में सर्वोच्च न्यायालय का डंडा भी चला और पुलिस को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी पड़ी। यही वजह है कि गायत्री प्रजापति के प्रचार में पहुंचने के बाद भी मुख्यमंत्री ने अपने मुह से उनका नाम नहीं लिया।
दूसरी ओर, कांग्रेस के नेता संजय सिंह की दोनों पत्नियां गायत्री का रास्ता रोकने के लिए खड़ी हैं। संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह जहां भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं, वहीं दूसरी पत्नी अमिता सिंह गठबंधन को दरकिनार करते हुये कांग्रेस से चुनाव लड़ रही हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में अमेठी की पांच विधानसभा सीटों पर सपा का कब्जा था। इसके चलते राहुल गांधी पर भी अमेठी में गठबंधन को जीत दिलाने का दबाव बढ़ गया है।
अमेठी सीट से भाजपा की उम्मीदवार गरिमा सिंह ने आईएएनएस से कहा कि सपा और कांग्रेस का गठबंधन महज दिखावा है। यहां पर इस बार राहुल और अखिलेश दोनों को उनकी हैसियत का अंदाजा लग जाएगा। दुष्कर्म के आरोपी प्रत्याशी को यहां की जनता किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी।
इधर, अमेठी के अलावा दूसरी सबसे चर्चित सीट अयोध्या की है। यहां पर समाजवादी पार्टी के नेता व मंत्री पवन पांडेय का कब्जा है। पवन इस सीट को भाजपा से 21 साल बाद छीनने में सफल रहे थे। अखिलेश ने एक बार फिर उन्हीं पर दांव लगाया है।
यहां का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि पहली बार 1980 के बाद किसी पार्टी ने यहां से मुस्लिम उम्मीदवार उतारा है। बसपा ने यहां से बज्मी सिद्दीकी को टिकट दिया है। बज्मी कहते हैं, अयोध्या ऐसी सीट है जिसे लेकर विरोधी हमेशा से ही सियासत करते रहे हैं। यहां पर गंगा-जमुनी तहजीब को खत्म करने की कई बार कोशिश की गई, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। बहन जी के शासनकाल में यहां हिंदू और मुसलमान दोनों को पूरी सुरक्षा मिलती है।
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