श्रीगंगानगर। जिले का प्राचीन दुर्गा मंदिर एक बार फिर विवादों में है। विवाद की वजह कोई और नही बल्कि मंदिर कमेटी के कुछ सफेदपोश पदाधिकारी हैं जो, मंदिर में अपनी राजनीति करके अपना दबदबा कायम रखना चाहते हैं। यही वजह है कि यह पदाधिकारी मन्दिर में सालाना होने वाली आमसभा नहीं होने दे रहे हैं। वहीं कमेटी में बने नए सदस्य आमसभा बुलाकर मंदिर में सालों से चल रहे कथित फर्जीवाड़े का खुलासा करना चाहते हैं ताकि, मंदिर के प्रति लोगों की श्रद्धा बनी रहे। लोगों का आरोप है कि अब समाज के ठेकेदार धर्म के पहरेदार बनकर मंदिर जैसी पवित्र जगहों पर भी राजनीति करके धर्म को राजनीति का अखाड़ा बनाने में पीछे नही रह रहे हंै। श्रीगंगानगर के प्राचीन प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर में ठीक ऐसा ही नजारा इन दिनों नजर आ रहा है। यहां मंदिर के चंद पदाधिकारी अपनी गन्दी राजनीति के सहारे आस्था रखने वाले लाखों भक्तो को मां दुर्गा के पवित्र प्रांगण में राजनीति का शिकार बना रहे हैं। दुर्गा मंदिर संकीर्तन सभा पचास साल पुरानी सभा है। इसमें शहर के लोग सदस्य रहे हैं लेकिन, पिछले कुछ सालों में कमेटी में ऐसे लोगों ने प्रवेश कर रखा है जो मंदिर को राजनीति का अखाड़ा बनाकर भक्तों के चढ़ावे की बंदरबांट कर रहे हंै। पिछले दिनों नई कमेटी के अध्यक्ष ने मंदिर में नए सदस्य बनाने के लिए सदस्यता खोली तो कुछ पदाधिकारियों ने इसका विरोध किया। जिस पर अध्यक्ष ने अपना इस्तीफा दे दिया। अब यही पदाधिकारी नए सदस्यों के साथ मंदिर में सालाना बुलाई जाने वाली आमसभा को नहीं होने दे रहे हैं। वहीं नए सदस्यों का कहना है कि मंदिर के पदाधिकारी आमसभा इसलिए नहीं बुला रहे हैं कि सभा बुलाई गई तो उनके द्वारा किए गए फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हो जाएगा। ऐसे में कुछ लोग प्रशासन को गुमराह करके मन्दिर में शांतिभंग होने की बात कहकर सभा रदद् कराने में जुटे हैं। उधर, अधिकारियों की मानें तो सब कुछ शांति से हो इसके लिए मंदिर के बाहर जाब्ता तैनात कर दिया जाएगा।
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