फतेहाबाद । गोधन
संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में फतेहाबाद जिला ने आज एक बड़ी सफलता हासिल
की है। अब यह जिला स्ट्रे कैटल यानी बेसहारा पशुओं से मुक्त हो गया है।
हरियाणा सरकार के इस महत्वाकांक्षी मिशन को जन आंदोलन के माध्यम से काफी कम
समय व कम खर्च में पूरा किया गया है। [ श्याम मसाले ने कराई घर घर में मौजूदगी दर्ज] [ सावधान हो जायें अब भ्रस्ट अफसर] [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
उपायुक्त एनके सोलंकी व अतिरिक्त
उपायुक्त डॉ. जेके आभीर ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर जिले के सभी 258
गांवों व सभी 6 कस्बों को बेसहारा पशु मुक्त होने की घोषणा की। अधिकारियों
ने बड़े जनसहयोग के माध्यम से सड़कों, बाजारों, गलियों, रिहायशी व कृषि
क्षेत्रों के आसपास घूमने वाले हर पशु को गौशाला या नंदीशाला में पहुंचाकर
सड़कों व गलियों को बेसहारा पशु से मुक्त कर पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल
कायम की है।
प्रेस को संबोधित करते हुए
जिला उपायुक्त एनके सोलंकी ने इस पर खुशी व्यक्त करते हुए जिलावासियों, अधिकारियों-कर्मचारियों व पंचायतों को
बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह सबके सामूहिक प्रयासों व आपसी तालमेल से संभव
हो पाया है। उन्होंने कहा कि गांवों व शहरों में स्थापित की गई प्रत्येक
गौशाला व नंदीशाला के प्रबंधन के लिए एक-एक कमेटी बनाई गई हैं जो भविष्य
में भी इन गौशालाओं व नंदीशालाओं के संचालन को सुनिश्चित करती रहेगी।
उपायुक्त ने कहा कि सरकार की ओर से इस मिशन को पूरा करने के लिए 31 मार्च
तक का समय मिला था लेकिन प्रशासन ने इसे एक चुनौती के रूप में लेते हुए
फरवरी माह में ही इस लक्ष्य को हासिल किया है। उन्होंने कहा कि आमजन के लिए
बहुत जल्द एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया जाएगा जिस पर कोई भी नागरिक
बेसहारा पशुओं के बारे में प्रशासन को सूचना दे सकता है। फिलहाल कोई भी
व्यक्ति संबंधित उपमंडल के एसडीएम, नगर परिषद व पालिका के कार्यकारी
अधिकारी व सचिव, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी
व कृषि उपनिदेशक को सूचना दे सकता है।
उन्होंने कहा कि बेसहारा पशु मुक्त
होने से किसान व ग्रामीण बहुत खुश है। अब खेतों में फसलों को नुकसान नहीं
होगा। उन्होंने कहा कि कई गांवों में किसान चारे व तुड़ी की मदद के लिए
स्वयं आगे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के पास लगभग 30 हजार
पशुओं का ब्यौरा है, जिनकी टेङ्क्षगंग करके विशेष पहचान सुनिश्चित की
जाएगी। इससे यदि पशु बाहर पाया गया तो आसानी से पता लगाया जा सकेगा की वह
किस नंदीशाला या गौशाला का है। इसके साथ-साथ दूसरे जिलों व राज्यों से आने
वाले पशुओं पर भी पूर्ण रोक लगाई गई है। इसके लिए पुलिस विभाग ने नाकों पर
विशेष निगरानी शुरू की है। डॉ. आभीर ने बताया कि जिला में अभियान को सफल
बनाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से 50 लाख रुपये मंजूर किए गए है, जिनमें
से 15 लाख रुपये मिल चुके हैं।
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