नई दिल्ली। रेलवे ने किसानों की जमीन ली और उन्हें मुआवजा नहीं दिया। आखिरकार 25 साल के लंबे इतंजार के बाद कोर्ट ने किसानों के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने ट्रेन को जब्त करने का आदेश दिया। इसके बाद 100 किसानों ने 5 कोच वाली सवारी गाडी जब्त कर ली। गौरतलब है कि साल 1991 में रेलवे ने यह जमीन ली थी, जिसके मुआवजे में देरी के चलते लोकल कोर्ट हरिहरपुर बेंगलुरू पैसेंजर जब्त करने का फैसला सुनाया। पीडित यात्रियों ने ट्रेन में सफर किया और बेंगलुरू जा रही बाकी ट्रेनों से खाने-पीने का इंतजाम किया।
मुख्तार अंसारी की मौत : पूर्वांचल के चार जिलों में अलर्ट, बांदा में भी बढ़ी सुरक्षा, जेल में अचानक बिगड़ी थी तबीयत
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope