झज्जर। आबकारी विभाग के एक इंस्पेक्टर को रोहतक से आई विजीलैंस विभाग की एक टीम ने 21 हजार रूपए की रिश्वत के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया। विजीलेंस टीम ने यह कार्यवाहीं एक शराब के ठेकेदार की शिकायत पर की है। [@ गुरुग्राम के लिए क्या-क्या उपलब्धियां लेकर बीता यह साल, जानिए ] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
आरोपी इंसपेक्टर शिकायतकर्ता से हर माह मंथली ले रहा था और उसने देसी शराब को ठेका होने के बावजूद शिकायतकर्ता को अंग्रेजी शराब की बिक्री करने की खुली छूट दे रखी थी। लेकिन दोनों के बीच रिश्वत दिए जाने का खेल आखिर कार कहां खराब हुआ इस बात की भी जांच की जा रही है। जानकारी अनुसार गांव खरहर निवासी ठेकेदार प्रदीप शराब का ठेकेदार है। उसी ने रोहतक की विजीलैंस विभाग की टीम को शिकायत की थी कि झज्जर के एक्साईज विभाग में कार्यरत इंसपैक्टर महाबीर उससे शराब बेचने के लिए मंथली लेता है और उसने रिश्वत की रकम बढ़ाए जाने का उस पर काफी दबाव बना रखा है।
अब भी वह उससे 21 हजार रूपए मंथली के रूप में मांग रहा है। इसी शिकायत पर कार्यवाहीं करते हुए रोहतक की विजीलैंस विभाग की टीम ने झज्जर जिला उपायुक्त से संपर्क किया और डयूटी मजिस्ट्रेट की मांग की। बाद में झज्जर के नायब तहसीलदार जगबीर सिंह को डयूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया। आरोपी को पकडऩे की योजना को अंजाम देने के लिए विजीलैंस विभाग की टीम ने हस्ताक्षर युक्त 21 हजार रूपए शिकायतकर्ता प्रदीप को दे दिए। ठेकेदार प्रदीप ने जैसे ही झज्जर के रेडक्रास भवन में इंसपैक्टर महाबीर सिंह को रिश्वत के 21 हजार रूपए दिए तो उसकी तरफ से इशारा मिलते ही विजीलैंस विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई और आरोपी इंसपैक्टर से 21 हजार रूपए की रिश्वत की रकम बरामद की। आरोपी को बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
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