चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी कार्यालयों में हर महीने के दूसरे शनिवार
को सामुदायिक स्वच्छता दिवस के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया है और
सभी कर्मियों को कम से कम एक घंटा श्रमदान भी करना होगा।यह जानकारी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को चंडीगढ़ में हरियाणा राज्य स्वच्छ
भारत मिशन की शासी निकाय समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी द्वारा आरंभ किए गए स्वच्छ भारत मिशन को एक जन अभियान बनाने के लिए
पंचायती राज संस्थाओं के जन प्रतिनिधियों व समाज के अन्य प्रतिष्ठिïत
व्यक्तियों को जोडऩा होगा। बैठक में विकास एवं पंचायत मंत्री श्री
ओ.पी.धनखड़ ने सुझाव दिया कि खुले में शौच जाने की लोगों की आदत को बदलने
के लिए हमें एक माहौल बनाने की आवश्यकता है।
बैठक में विकास एवं पंचायत विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव नवराज संधु ने
ओ.डी.एफ. के तहत चलाई जा रही गतिविधियों पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने
कहा कि हरियाणा सरकार के मार्च, 2017 तक राज्य के सभी जिलों के ग्रामीण
क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त बनाने के लक्ष्य की ओर तेजी से कार्य हो
रहा है तथा निर्धारित समयावधि पर 18 से 19 जिलों के ग्रामीण क्षेत्र को हम
खुले में शौच मुक्त घोषित करने में सक्षम होंगे। ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन
की कुल 1302 परियोजनाएं स्वीकृत की हैं जिनमें से 595 पर कार्य प्रगति पर
है। गैर सरकारी संगठनों को भी इस अभियान में भागीदार बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि विभाग के अधिकारियों की टीम पंजाब के
सींचेवाल मॉडल का अध्ययन करने के लिए जाए और जहां-जहां महानगर पंचायत घोषित
करने की योजना है वहां पर तरल कचरा प्रबंधन के लिए सींचेवाल मॉडल पायलट
प्रोजैक्ट के आधार पर लागू किया जाए। इसके अलावा, सूक्ष्म, सिंचाई
परियोजनाओं के लिए उपचारित पानी का उपयोग करने के लिए सिंचाई विभाग के साथ
बातचीत की जाए।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण ने स्वच्छ
भारत मिशन (शहरी) पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत घरों
के शौचालयों के साथ-साथ जन सुविधाओं के लिए शहरों में 4393 स्थानों की
पहचान सामुदायिक एवं जन शौचालय बनाने के लिए की गई है जिसमें से 1584 पर
कार्य आरंभ हो गया है। सिरसा व कुरूक्षेत्र जिलों के शहरी क्षेत्रों को भी
खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है। ठोस कचरा प्रबंधन की 15 स्थानों पर
कलस्टर प्रोजेक्ट के रूप में योजनाएं चल रही हैं तथा तीन फरीदाबाद, राहेतक व
सोनीपत में कचरे से ऊर्जा उत्पादन की तकनीक अपनाई गई है। इसके अलावा, हर
जिले में परियोजना प्रबंधन इकाई की स्थापना के लिए आवश्यक स्टाफ की शीघ्र
ही भर्ती की जाएगी।
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