हिसार। वर्तमान सरकार ने नागरिक की शक्ति दर्शाने के लिए भले ही प्रदेश के सरकारी अस्पतालों को नागरिक अस्पताल बना दिया हो, मगर हिसार स्थित नागरिक अस्पताल की बात करें तो यहां मूलभूत जरूरतों के लिए आम नागरिक परेशान है। अस्पताल में ऐसे तीन शौचालय हैं, जिन्हें आम नागरिक नहीं, बल्कि केवल विशेष यानि अस्पताल में तैनात चिकित्सक ही प्रयोग कर सकते हैं । ऐसा भी नहंी है कि ये शौचालय चिकित्सक के क्लिनिक परिसर में हो, बल्कि करीब चार वर्ष पहले तक यही शौचालय आम नागरिक के लिए खुले थे, मगर अब नहीं। अब इन शौचालयों में ताले लगे हैं और इन तालों को तभी खोला जाता है, जब अस्पताल के चिकित्सक चाहें।
दिलचस्प बात है कि करीब चार साल पहले तक जब इन शौचालय के पास से गुजरने पर व्यक्ति को नाक बंद करके जाना पड़ता था, आज सरकार द्वारा अस्पताल की दुर्दशा को सुधारने के लिए आई राशि का इस्तेमाल होने के बाद जैसे ही इन शौचालयों के हालात ठीक हुए तो चिकित्सको ंने अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार शौचालयों पर ही कब्जा कर लिया।
खास बात है कि हर विभाग के चिकित्सकों ने अपने-अपने शौचालय निर्धारित किए हुए हैं। आयुष विभाग ने कुछ समय पूर्व तक एचआईवी यूनिट के साथ लगते सार्वजनिक शौचालय को अपनी कस्टडी में ले लिया है। बाकायदा इस शौचालय को लॉक किया हुआ है और लॉक की चाबी विभाग के कर्मचारी पर है। जब चिकित्सक के आदेश होते हैें तो यह लॉकम खोल दिया जाता है। इसी तरह यदि आयुष विभाग से सर्जिकल वार्ड की तरफ जाएं तो ड्रग छुड़वाने वाली यूनिट के सामने भी सार्वजनिक शौचालय हुआ करते थे, जिन पर अस्पताल के ही कुछ स्टाफ मैम्बर्स का कब्जा है। इन शौचालयों की चाबी भी उन्हीं स्टाफ मेम्बर के पास होती है। दिलचस्प बात है कि किसी जरूरत पर यदि इन शौचालयों को आम नागरिक या अस्पताल के ही अन्य यूनिट के कर्मचारी के लिए खोलने को कह दिया जाए तो चाबी फिलहाल नहीं होने की बात कह कर टाल दिया जाता है। इसी तरह फिजियोथैरेपी यूनिट के चिकित्सक ने भी अपनी यूनिट के बिल्कुल साथ लगते शौचालय को अपने कब्जे में ले लिया है।
अस्पताल का प्रथम तल, जहां नागरिकों के लिए शौचालय ही नहीं
दूसरी तरफ अस्पताल में प्रथम तल पर तो स्थिति ऐसी है कि यहां दंत चिकित्सा विभाग है और यहां आम नागरिक के लिए शौचालय ही नहीं है। जो शौचालय है, उसके आगे अस्पताल प्रशासन की तरफ से अपना कबाड़ रखा हुआ है। नागरिकों को मजबूरन अस्पताल की छत पर या तो खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है अन्यथा नीचे धरातल पर आना पड़ता है।
इस बारे में अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. दयानंद ने कहा कि आम नागरिक के लिए शौचालयों की व्यवस्था की हुई है। यदि फिर भी किसी वार्ड में विशेष जरूरत है तो इन शौचालयों को खोल दिया जाएगा। जहां तक प्रथम तल पर शौचालय नहीं होने की बात है, जल्द ही यहां भी व्यवस्था करवा दी जाएगी।
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