बीकानेर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला परिषद सभागार में आयोजित दो दिवसीय संभाग स्तरीय कार्यशाला संपन्न हुई। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए जिला एवं सेशन न्यायाधीश राधामोहन चतुर्वेदी ने कहा कि विवाद के निस्तारण करने के लिए मुकदमेबाजी की तुलना में मध्यस्थता काफी बेहतर प्रक्रिया है। मध्यस्थता प्रक्रिया से विवाद का निस्तारण होने अर्थात समझौता हो जाने की स्थिति में प्रकरण में पुन: सुनवाई तथा पुनरीक्षण की आवश्यकता नहीं रहती तथा इस प्रकार प्रकरण का पूर्णतया निस्तारण हो जाता है। नोडल अधिकारी व एडीजे एक मधुसूदन राय ने राजीनामा योग्य प्रकरण चिन्ह्ति करने के लिए प्रेरित किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव राम अवतार सोनी, मास्टर ट्रेनर बालकिशन गोयल, नीरज कुमार भारद्वाज, श्रीमती प्रर्मिला आचार्य ने कार्यशाला के विषय की जानकारी दी।
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