नई दिल्ली। नोटबंदी के कारण नक्सलियों पर काफी प्रभाव पड रहा है। नोटबंदी और सुरक्षाबलों के दबाव के कारण पिछले 28 दिनों में करीब 564 नक्सलियों और उनके समर्थकों ने सरेंडर किया है। अब तक एक माह में नक्सलियों ने पहली बार इतनी बडी संख्या में सरेंडर किया है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र छत्तीसगढ, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश में नक्सलियों द्वारा किए गए सरेंडर पर नोटबंदी का असर भी माना जा रहा है।
साथ ही स्थानीय पुलिस और सीपीआरएफ ने भी नक्सलियों के खिलाफ नियमित कार्रवाई की है। माना जा रहा है कि पुरानी बडी करंसी के चलन से बाहर हो जाने के बाद माओवादी हथियार, विस्फोटक, दवाएं और अपनी जरूरत का सामान आसानी से खरीद पाने में असमर्थ हो गए हैं।
पिछले 28 दिनों में 564 नक्सलियों और उनके समर्थकों द्वारा किए गए सरेंडर में से 469 ने 8 नवबंर यानी नोटबंदी के बाद सरेंडर किया। इनमें से 70 फीसदी सरेंडर अकेले ओडिशा के मलकानगिरी में हुए हैं।
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