इलाहाबाद। इलाहाबाद में 23 तारीख को होने वाले मतदान और चुनावी माहौल में अशांति
का सबब बने छात्रों के आमरण अनशन को आखिरकार समाप्त कर दिया गया। चुनाव आयोग के
हस्तक्षेप के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों की मांग मान ली है और ज्यूस
पिलाकर छात्रों का अनशन तुड़वाया है। मांगे पूरी होने से इलाहाबाद विश्वविद्यालय
कैंपस में पिछले 11 दिन से चल रही तनातनी पर फिलहाल विराम लग गया है। छात्रसंघ
पदाधिकारियों ने कई प्रमुख मांग पूरी होने पर इसे छात्रों के संघर्ष की जीत बताया
है। [# दृष्टिहीन मुस्लिम ल़डकी को कंठस्थ है श्रीभागवत गीता] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
अनशन खत्म करवाने के लिए चुनाव आयोग से जिला प्रशासन के अधिकारी, विश्वविद्यालय
के डीएसडब्लू और प्रॉक्टर सहित कई शिक्षक यूनियन भवन (छात्रसंघ भवन) पहुंचे और
अनशनकारी छात्रों को जूस पिलाकर उनका आंदोलन खत्म करवाया। साथ ही घोषणा की गई कि
अनशनकारी छात्रों के खिलाफ किसी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
एफआईआर होगी
वापस
9 फरवरी को वीसी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर
लाठीचार्ज के विरोध में जाबिर रजा छात्र के आत्मदाह प्रयास के बाद
विश्वविद्यालय व छात्रों की ओर से दर्ज एफआईआर वापस होंगी। विश्वविद्यालय के
प्रशासनिक अधिकारियों ने अनशनकारी छात्रों को यह लिखित आश्वासन भी दिया है कि
एफआइआर वापस ली जाएगी और संपूर्ण घटनाक्रम में किसी को दंडित नहीं किया जाएगा।
डीएसडब्ल्यू प्रो. आरकेपी सिंह ने छात्रसंघ अध्यक्ष से भी यह अपील की है कि वह
विश्वविद्यालय के अफसरों के खिलाफ दर्ज एफआइआर वापस लें।
यह मांगे
मानी गई
आंदोलनकारी छात्रों की चार प्रमुख मांगों को विश्वविद्यालय प्रशासन ने मान लिया
है। जिसमें मौजूदा प्रवेश समिति भंग करना, स्थायी कुलसचिव और वित्त अधिकारी की
नियुक्ति, प्रवेश परीक्षा में ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन का विकल्प व स्नातक छात्रों के
लिए केंद्रीय लाइब्रेरी में पुस्तकें निर्गत करने की व्यवस्था शामिल है।
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