नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को दिल्ली के पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का निदेशक नियुक्त किया। वर्मा 1979 बैच के अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम एवं केंद्र शासित क्षेत्र (एजीएमयूटी) कैडर के अधिकारी हैं। सीबीआई के पूर्व निदेशक अनिल सिन्हा के दो दिसंबर, 2016 को सेवानिवृत्त होने के करीब डेढ़ महीने बाद नए निदेशक की नियुक्ति हुई है। [@ Punjab election- टिकटों में दिखा कांग्रेंस और अकालियों का परिवारवाद ]
सिन्हा के सेवानिवृत्त होने के बाद सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक 1984 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना अंतरिम निदेशक के तौर पर पदभार संभाल रहे थे। वर्मा की नियुक्ति पदभार ग्रहण करने के बाद से दो वर्ष के लिए हुई है। वर्मा जुलाई में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, ऐसे में सरकार उनकी सेवा अवधि बढ़ा सकती है।
एक पुलिस अधिकारी के तौर पर 36 वर्ष के करियर में वर्मा 24वां पद संभालेंगे। दिल्ली पुलिस में 24 दिसंबर, 1979 को सहायक पुलिस आयुक्त (प्रशिक्षु) के रूप में करियर शुरू करने वाले वर्मा सीबीआई के निदेशक पद के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे थे। वह पिछले 11 महीने से दिल्ली पुलिस आयुक्त पद पर कार्यरत थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय नियुक्ति समिति ने वर्मा का चयन किया। चयन समिति में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडग़े और देश के प्रधान न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित कोई व्यक्ति अन्य सदस्य हैं। सीबीआई निदेशक पद के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को 45 योग्य आईपीएस अधिकारियों के नामों की सूची भेजी गई थी। इनमें वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी कृष्ण चौधरी, अरुणा बहुगुणा और माथुर को प्रबल दावेदारों में माना जा रहा था।
(आईएएनएस)
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