रांची। झारखंड में कोयला खदान धंसने की घटना में रविवार को एक और शव शव
बरामद किया गया। इसके साथ ही हादसे में अब तक मृतकों की संख्या बढकर 18 हो
गई है। कोयला मंत्रालय के बयान में कहा गया कि एनडीआरएफ और ईसीएल का सहायक
दल, भारत कोकिंग कोल के दल बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
[@ टाइटेनिक हादसे पर नया खुलासा,जहाज डूबने की असली वजह कुछ और...]
दुर्घटना गुरूवार रात लगभग 7. 30 बजे ईस्टर्न कोलफील्डस लिमिटेड (ईसीएल) की
खदान में हुई। उस समय विद्युत आपूर्ति ठप हो गई थी। मिट्टी-पत्थर का सौ
फीट ऊंचा पहाड (ओवरबर्डन डंप) ढहने से हादसा हुआ। जहां लोग काम कर रहे थे,
उनके ऊपर 20 से 30 फीट मलबा गिर गया। जो जहां था, वहीं दब गया। कुछ ने
भागने की कोशिश की, लेकिन ऊपर आते-आते मलबे की चपेट में आ गए।
आरोप है कि खदान में बीते एक माह से लैंड स्लाइडिंग की घटना हो रही थी,
इसके बावजूद इसके ईसीएल प्रबंधन ठेकेदार महालक्ष्मी प्रबंधन द्वारा जबरन
कोयला उत्खनन का कार्य जारी रखा गया। दुर्भाग्य से गुरूवार को भी लैंड
स्लाइडिंग हुई थी। इसे लेकर कार्यरत कामगारों ने काम करने से मना कर दिया।
इसके बाद भी ईसीएल के प्रबंधक ने घटना से लगभग एक घंटा पूर्व संध्या गश्ती
के दौरान कार्य को चालू रखने का आदेश दिया। कोयला मंत्रालय ने कहा कि
माइन्स सेटी के महानिदेशक के वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर
जांच शुरू कर दी है।
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