चित्तौडग़ढ़। शहर में शनिवार को शव दफनाने को लेकर मुस्लिम समुदाय के दो गुटों में हुए विवाद के बीच शाम को तनाव के हालात बन गए। इसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पुराने शहर के बाजार बंद हो गए व तनाव को देखते हुए संपूर्ण शहर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। स्वयं पुलिस अधीक्षक ने कोतवाली में डेरा डाल दिया है।
शहर के सिपाही मोहल्ला निवासी वहाबी जमात के अहमद हुसैन की शुक्रवार रात बीमारी के कारण मृत्यु हो गई। शनिवार सुबह परिजन देहली गेट स्थित कब्रिस्तान में शव दफनाने की तैयारी कर रहे थे कि सुन्नी जमात के लोग वहां आ गए और शव दफनाने से रोक दिया। इसके बाद दिनभर पुलिस प्रशासन ने समझाइश की और शाम को परिजन शव को बीगोद ले जाने के लिए तैयार हो गए। सात बजे घर से परिजन शव लेकर गोल प्याऊ आ गए और शव जमीन पर रख दिया। इधर दरगाह में भी सुन्नी जमात के लोग एकत्र हो गए और फिर से टकराव के हालात बन गए। माहौल बिगडऩे की सूचना पर उपखंड अधिकारी सुरेश खटीक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत भारी पुलिस बल के साथ मौके पर आ गए, लेकिन शव हटाने को तैयार नहीं हुए। इस बीच पुलिस ने शव वाहन मंगवा लिया और शव को उसमें रखने लगे तो भीड़ ने पुलिस से हाथापाई शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने जमकर लाठियां चलाईं, लेकिन लोग इधर-उधर गलियों में भाग निकले, जिससे बाजार में भय व्याप्त हो गया और बाजार बंद होने लगा। करीब आधे घंटे बाद हालात नियंत्रण में हो सके। भगदड़ व लाठीचार्ज में कई महिला-पुरुषों को चोटें आईं।
तहसीलदार विनोद मल्होत्रा ने बताया कि पुलिस जाब्ते के साथ शव को बीगोद के लिए रवाना कर दिया गया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने हालात नियंत्रण में बताए व कहा कि शहरभर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और गश्त तेज की जा रही है।
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