नई दिल्ली। कानपुर के पास पुखरायां में 20 नवंबर को इंदौर पटना एक्सप्रेस
दुर्घटना एक आतंकी संगठन आईएसआई की साजिश थी। भारत-नेपाल सीमा पर गिरफ्तार
मोती पासवान ने पूछताछ में यह खुलासा किया है कि बम विस्फोट से ट्रेन हादसा
हुआ। [@ बचत खातों में पडा धन मानेंगे अधोषित धन!मोदी सरकार लाई नया नियम]
मोतिहारी के एसपी जितेन्द्र राणा ने मंगलवार को बताया कि कानपुर
ट्रेन हादसे में मोती सक्रिय रूप से शामिल था।
एसपी ने बताया कि घोडासहन में 01 अक्टूबर 2016 को रेलवे ट्रैक से बरामद
आईईडी के मामले में मोती पासवान, मुकेश शर्मा व उमाशंकर पटेल को आदापुर से
गिरफ्तार किया गया है। मोती ने खुलासा किया है कि बम प्लांट का नेतृत्व
दुबई में बैठे शमशुल ने किया था। नेपाल के बृजकिशोर गिरि को 20 लाख रूपये
देकर घोडासहन में बम प्लांट करने की जिम्मेवारी दी गई थी।
घोडासहन में असफल होने पर मोती को कानपुर में बम प्लांट करने के लिए ले
जाया गया। इसके लिए उसे दो लाख रूपये मिले। कानपुर में सफल होने के बाद
इंदौर और उसके बाद दिल्ली गया। दिल्ली के बाद वह नेपाल में भी कुछ दिनों तक
छिपकर रहा।
एसपी ने बताया कि कानपुर हादसे के मामले में दिल्ली में गिरफ्तार जियाउर और
जुबैर की तस्वीर देख मोती ने पहचान की है। उसने बताया कि वह दोनों उसके
साथ कानपुर में बम प्लांट में शामिल थे।
मोती से पूछताछ करने के लिए एनआईए,
रॉ और एटीएस की टीम मोतिहारी पहुंच चुकी है। पूछताछ में और खुलासा होने की
संभावना है। सबका नेटवर्क नेपाल से जुडा है। तीन साथी बृजकिशोर गिरि,
मुजाहिदीन अंसारी व शंभू गिरि को नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। तीनों
की गिरफ्तारी के बाद आदापुर क्षेत्र से मोती और उसके दो अन्य साथी पक़डे
गए।
याद रहे, 20 नंवबर को कानपुर से 57 किलोमीटर दूर पुखरायां में सुबह 3 बजे
इंदौर-पटना एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। इसमें 153 लोगों की मौत हुई
थी और 200 से ज्यादा लोग घायल थे। हादसे में एस-1, 2, 3 और 4 नंबर बोगी
पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुई थी, जबकि 14 डिब्बे पटरी से उतर गए थे।
ऎसे हुआ खुलासा...
कानपुर में दो ट्रेन हादसों की प्रारंभिक जांच में रेल पटरी में दरार को
मुख्य कारण बताया गया था लेकिन बिहार के मोतिहारी में दो लोगों की हत्या के
सिलसिले में छह लोगों की गिरफ्तारी के बाद इसके पीछे पाकिस्तानी गुप्तचर
एजेंसी आईएसआई के हाथ से इनकार नहीं किया जा सकता।
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