इलाहाबाद। इलाहाबाद की सोरांव विधान सभा सीट पर सपा-कांग्रेस
गठबंधन में पैदा हुई दरार को दुरूस्त करने के लिये कांग्रेस ने पहल की है।
कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी जवाहर लाल दिवाकर को बैक होने का निर्देश दिया है।
पार्टी का आदेश न मानने पर 6 साल के लिये पार्टी से निष्कासित कर दिया जायेगा।
बेचारे दिवाकर अभी तक फ्रेंडली फाइट की उम्मीद लगाये प्रचार प्रसार में जुटे
थे लेकिन एकाएक पार्टी के इस रवैये से हैरान परेशान हैं। हालांकि समझौते के
तहत अब दिवाकर को चुनाव खर्च वापस कराया जा सकता है। [# पढें, कहां किया लोगों ने चुनाव बहिष्कार ? नहीं पड़ा एक भी वोट] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
लेकिन मौजूदा स्थिति देखते
हुये उसकी भी उम्मीद चुनाव बाद ही है। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अनिल द्विवेदी ने
बताया कि मौजूदा आदेश से प्रत्याशी को अवगत करा दिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष से
आगे की रणनीति पर जो निर्देश मिलेंगे उसका पालन किया जायेगा। फिलहाल अब कांग्रेस
के बैक होने से चुनाव में वापस सपा लौट आई है और आगे निकल रही बसपा को कड़ी टक्कर
भी मिलेगी।
कांग्रेस को
मिली थी सीट
सोरांव विधानसभा सीट कांग्रेस को गठबंधन के तहत मिली थी और कांग्रेस ने यहां से
प्रतापपुर के पूर्व विधायक जवाहर लाल दिवाकर को चुनाव मैदान में उतारा था। दिवाकर
ने यहां से नामांकन किया और पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे थे। लेकिन अब पार्टी
की ओर से नया आदेश मिला है कि चुनाव न लड़ें व सपा प्रत्याशी को समर्थन करे।
विधायक का
कटा था टिकट
जिले की सोरांव सुरक्षित विधान सभा सीट पर सत्यवीर मुन्ना ने पहली
बार सपा का खाता खोला था। लेकिन उनका टिकट काटकर सपा ने गठबंधन धर्म के तहत यह सीट
कांग्रेस को दे दी। टिकट कटने के बाद सत्यवीर ने अपनी राजनैतिक पहुंच का बखूबी
इस्तेमाल किया। सांसद भाई शैलेंद्र के साथ अखिलेश यादव से मिलकर वापस टिकट हासिल
कर लिया। सपा ने सोरांव विधानसभा सीट पर दुबारा प्रत्याशी घोषित करते हुये सत्यवीर
को चुनाव मैदान में उतार दिया।
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