बठिंडा। अकालीदल व कांग्रेस में विधायक रहे कामरेड मक्खन सिंह का शुक्रवार को यहां उनके घर में देहांत हो गया। वे लगभग 63 वर्ष के थे। वे लंबे समय तक सीपीआई में कई पदों पर रहे तथा बठिंडा के जिला सचिव भी रहे। वे काफी समय से बीमार थे। [@ आज भी पंक्चर लगा रहे हैं देवमान के पिता, चाहते है बेटा विधायक बने] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
उन्होंने अपने पढाई के जीवन में ही संघर्ष करना शुरू कर दिया था तथा उसके बाद ससीपीआई के सदस्य बन गये। वे सीपीआई की तरफ से बठिंडा से चुनाव लड़े थे, परन्तु हार गये थे। पार्टी के अपनी अनदेखी के कारण वे अकालीदल में शामिल हो गये थे तथा 2002 में पक्का कलां विधानसभा से अकालीदल की टिकट पर विधायक बनें। उसके बाद 2007 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस में शामिल हो गये व दूसरी बार भी विधायक चुने गये।
2012 में बठिंडा देहाती से कांग्रेस टिकट पर ही चुनाव लड़े व हार गये थे। आज उनका अंतिम संस्कार अनाज मंडी स्थित रामबाग में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस अवसर पर राजनैतिक, समाजसेवी व धार्मिक संगठनों के नेता व सदस्य उपस्थित थे। प्रशासन की तरफ से कोई पदाधिकारी न पहुंचने पर कांग्रेस नेता अजायब सिंह भट्टी ने रोष जताया है।
अकालीदल व कांग्रेस में रहने के बावजूद अंतिम समय तक वह कामरेड मक्खन सिंह के नाम से ही जाने जाते रहे। अंतिम संस्कार के समय उन्हें विदाई देने वालों में पूर्व वित्त मंत्री व बठिंडा से कांग्रेसी प्रत्याशी मनप्रीत सिंह बादल, मलोट से कांग्रेस प्रत्याशी अजायब सिंह भट्टी, जिला कांग्रेस कमेटी बठिंडा के अध्यक्ष मोहन लाल झुंबा, जिला भाजपा बठिंडा शहरी के अध्यक्ष मोहित गुप्ता, अपना पंजाब पार्टी के प्रत्याशी बठिंडा जतिन्द्र खट्टर सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुये।
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