मुंबई। यह आम तौर पर विदित है कि कोर्टों में भारी तादात में लंबित मामलों के कारण जजों पर काम का कितना दबाव रहता है, लेकिन इस बोझ को हल्का करने का काम कोई क्लर्क खुद ही कर बैठेगा, ऐसा कोई सोच भी नहीं सकता। मगर ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें एक क्लर्क ने कुछ पेंडिंग केसों को अपने हाथ में लेते हुए फाइलों का खुद ही निपटारा कर दिया। [# यूपी चुनाव: युवाओं में क्रेज, कटिंग करा बालों में बनवा रहे हैं चुनाव चिन्ह] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
बलार्ड मेट्रोपॉलिटन कोर्ट के क्लर्क मारुति सालुंखे पर 105 फाइलों पर जज के फर्जी हस्ताक्षर कर मामलों का निस्तारण करने का आरोप लगा है। मामला तब सामने आया जब जज ने स्वयं एक ऐसा दस्तावेज देखा जिस पर उन्होंने हस्ताक्षर किए ही नहीं थे। जब क्लर्क से इस बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि ऐसा करने के पीछे उसका मकसद सिर्फ पेंडिंग फाइलों को निपटाना था। सांलुखे को अरेस्ट कर लिया गया है और उन पर आईपीसी की धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी), 466 (कोर्ट के दस्तावेजों के साथ जालसाजी), 467 (वसीयत आदि के साथ जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल) और 409 (विश्वासघात) में मामला दर्ज कर लिया गया है।
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