नई दिल्ली। भारत के बिजली ट्रांसमिशन नेटवर्क पर खतरा मंडरा रहा है। बिजली सेक्टर से जुडे उपकरण बनाने वाली भारतीय कंपनियों ने आशंका जताई है कि देश का बिजली ट्रांसमिशन नेटवर्क हैक हो सकता है। इस आशंका की वजह बिजली वितरण से जुडे सिस्टम में चीनी कंपनियों की बढती दखल और स्कैड सिस्टमों है। गौरतलब है कि बिजली वितरण नेटवर्क हैकिंग का सबसे पहला मामला यूक्रेन में सामने आया था। ज्ञातव्य है कि 23 दिसंबर 2015 को पश्चिमी यूक्रेन का एक ग्रिड कंट्रोल रूम और पावर बैकअप सिस्टम हैक हो गया। करीब 30 सब स्टेशन ग्रिड से कट गए। इसकी वजह से देश के 2 लाख 30 हजार लोगों को बिना बिजली के कई घंटे बिताने पडे। [@ शैक्षणिक सत्र 2017-18 में नए सात कोर्स शुरू करने की प्लानिंग ]
क्या है SCAD:
सूपर्वाइजरी कंट्रोल एंड डेटा अक्वीजिशन एक कम्प्यूटर आधारित इंडस्ट्रियल सिस्टम है, जिसकी मदद से फैक्ट्रियां और दूसरे औद्योगिक केंद्रों में बिजली की सप्लाई ऑटोमैटिक तरीके से कंट्रोल होती है। यह सिस्टम ग्रिड में डिमांड और सप्लाई के बीच संतुलन बनाए रखता है। ज्ञातव्य है कि बिजली सेक्टर में चीनी उपकरणों को सुरक्षा-क्वालिटी के मामले में संदिग्ध माना जाता रहा है। चेतावनियों के बावजूद भारत में चीनी उपकरणों का उपयोग बढ रहा है। बिजली उपकरण बनाने वाली भारतीय कंपनी ने ऊर्जा मंत्री को इस बारे में पत्र भी लिखा है।
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