धर्मशाला, कांगड़ा (सीमा अग्रवाल)। बोधगया में शुरु होने वाली कालचक्र पूजा से पहले चीन सरकार द्वारा तिब्बती
समुदाय के सभी लोगों को चीन अधिकृत तिब्बत में पहुंचने के आदेश दिए जाने पर महामहिम
दलाईलामा ने गहरा दुख व चिंता प्रकट की है।
तिब्बतियों के प्रमुख धर्मगुरु दलाईलामा
ने कहा कि चीन ने यह निर्देश उन तिब्बती व चीनी श्रद्धालुओं को दिए हैं, जो टूरिस्ट
वीजा पर भारत आए हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में कई श्रद्धालु उनसे मिले
थे।
दलाईलामा दिसंबर में दिल्ली, मैसूर व बौद्धगया में कई धार्मिक
कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इसके बाद वे तीन से 14 जनवरी तक बोधगया में कालचक्र
पूजा के दौरान प्रवचन देंगे। कालचक्र के लिए ही तिब्बत सहित चीन से आए श्रद्धालुओं
को वापस आने के लिए चीन की ओर से दिए गए निर्देशों पर यह भी कहा जा रहा है कि कहीं
न कहीं चीन दलाईलामा ने डरा भी हुआ है। श्रद्धालुओं में इससे भारी रोष है।
निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसांग साग्ये व संसद के स्पीकर
खेंपो सोनम तिनफेल ने भी संयुक्त राष्ट्रसंघ से शीघ्र से इस मामले में हस्तक्षेप
करने की मांग की है।
गौरतलब है कि हाल ही में दलाईलामा के मंगोलिया दौरे को लेकर भी चीन ने गहरी अपत्ति
जताई थी तथा मंगोलिया को चेतावनी भी दी थी कि वे दलाईलामा को अपने देश में आने की
इजाजत न दे। हालांकि मंगोलिया ने चीन को अपने जवाब में साफ कहा था कि दलाईलामा का
मंगोलिया दौरा पूर्णरुप से धार्मिक है, राजनीतिक नहीं।
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