सोनीपत। बाल मन बेहद कोमल व संवेदनशील होता है। बच्चे हर किसी के साथ अपनी समस्याओं व शिकायतों की चर्चा नहीं कर पाते। इसलिए गांवों में बच्चों की एक कमेटी का गठन किया जायेगा, जिसका मुखिया भी नेतृत्व क्षमता रखने वाला कोई बालक अथवा बालिका ही होंगे। बच्चों की ये कमेटियां बच्चों की समस्याओं का समाधान स्वयं खोजेगी। साथ ही बाल अधिकारों की लड़ाई में भी बच्चों की कमेटियां पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगी। यह कहना है जिला बाल संरक्षण अधिकारी (डीसीपीओ) स्वीटी सैनी का। डीसीपीओ स्वीटी सैनी व संरक्षण अधिकारी आरती कहती हैं कि हरियाणा बाल संरक्षण आयोग ने बाल मित्र ग्राम योजना के तहत इस दिशा में तीव्र कदम बढ़ा दिये हैं। उन्होंने कहा कि शुरुआती चरण में आयोग ने ग्रामीण अंचल में बाल संरक्षण व प्रोत्साहन के लिए हरियाणा के 16 गांवों का चयन बाल मित्र ग्राम के रूप में किया है। इनमें 5 गांव सोनीपत जिले के हैं, जिनमें रोहट, हसनपुर, मोहाना, बड़वासनी व किलोड़हद शामिल हैं। सभी चयनित गांवों में बच्चों की कमेटियों को गठित किया जाएगा, जिसमें किलोड़हद गांव में सर्वप्रथम शुरुआत की गई है।
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