महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने कहा कि बाल संरक्षण के लिए कानून बने हुए हैं लेकिन इनकी पालना सुनिश्चित कराने में पुलिस अधिकारियों, बाल कल्याण समितियों, मानव तस्कर विरोधी शाखाओं एवं स्वंयसेवी संगठनों के साथ-साथ आम जन की भी महत्ती भूमिका है ।बाल सुधार आयोग की अध्यक्षा श्रीमती मनन चतुर्वेदी ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा बाल संरक्षण पर शुरू किये गये कोर्स से इस कोर्स को करने वालेे अधिकारियों का क्षमता संवर्द्धन होगा व विभिन्न एजेन्सियों में आपसी तालमेल बढ़ेगा। साथ ही अधिकारी और अधिक संवेदनशील होंगे व फील्ड में जाकर बालकों के जीवन की क्या स्थिति है उससे रूबरू होकर उनके अधिकारों का संरक्षण बेहतर ढंग से करवा सकेंगे।यूनिसेफ की राजस्थान यूनिट के मुख्य कार्यकारी सेम्यूलसन ने कहा कि बच्चों के जीवन की सुरक्षा एवं खुशहाली हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि यूरोपिय देशों में अगर कहीं कोई बच्चा गुम हो जाता है या उसको किसी प्रकार के संरक्षण की जरूरत होती है तो वहाॅं की जनता के साथ-साथ पुलिस भी बच्चों में सुरक्षा के भाव से समुचित संरक्षण देती है। उन्होंने आशा जताई कि पुलिस विश्वविद्यालय द्वारा बाल संरक्षण पर यह पाठ्यक्रम बच्चों को पुलिस के साथ जुड़ाव के साथ-साथ उनमें सुरक्षा का भाव पैदा करने में कामयाब होगा।
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