होशियारपुर। पंजाब सरकार की ओर से पंजाबी भाषा की अनदेखा करने पर केंद्रीय पंजाबी लेखक सभा के आह्वान पर दुनियाभर के लेखकों की ओर से 21 फरवरी को मातृभाषा के दिवस पर चंडीगढ़ में रोष प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही गिरफ्तारियां दी जाएंगी। [# एक ऐसा गांव जो खुद के दम पर बना रोल मॉडल] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
इस संबंध में दोआबा साहित्य सभा के अध्यक्ष संधू वरियाणवी की अधयक्षता में हुई बैठक के दौरान सभा के सभी सदस्यों ने पंजाबी भाषा की वर्तमान दशा-पर गहरी चिंता व्यक्त की। बैइक में अवतार संधू, अमरीक हमराज, विजय भट्टी, प्रौफैसर रजिदर सिंह, रणवीर बब्बर, अजमेर सिंह सिधू, संतोख सिंह वीर, किशन गढशंकरी, तारा सिंह चेडा ,प्रिंसीपल बिकर सिंह आदि मौजूद थे। सदस्यों ने अपने-अपने संबोधन में कहा कि केदरी पंजाबी लेखक सभा के आवाहन पर पूरे क्षेत्र के सभा सदस्य गिरफ्तारी देने के लिए चंडीगढ जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार, पंजाब भाषा एक्ट पास करने को अपनी प्राप्ती मान रही है , परन्तु सही में राज्य सरकार की ओर से पंजाबी भाषा के प्रचार व प्रसार के लिए कुछ नही कियां। उन्होंने कहा कि साहित्य लेखकों की अधिकारत मागों के वारे सरकार ने कभी कोई हुगारा नहीं भरा। पंजाबी भाषा के साथ हमेशा इनका रवईया न पखी ही रहा है।
उन्होंने कहा कि पंजाबी भाषा को रुजगार भाषा बनाना चाहिए, जिससे पंजाबी भाषा व साहित्य पढ़ते विधार्थी रुजगार ले सके। इस अवसर पर लेखकों की ओर से सरकार के खिलाफ रोष प्रकट किया और चंडीगढ़ में मातृ भाषा दिवस पर गिरफ्तारियां देने का निर्णय लिया है।
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