झांसी। बुंदेलखंड में न तो किसी दल के समर्थन में हवा है
और न ही किसी के विरोध में। इतना ही नहीं यहां कोई मुद्दा भी नजर नहीं आ रहा है।
यही कारण है कि चुनाव पूरी तरह उम्मीदवार पर आकर टिक गया है। विधानसभा चुनाव में
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए `लोकसभा 2014` के नतीजों को दोहराना चुनौती लग
रहा है।
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में 23 फरवरी को बुंदेलखंड के सात जिलों
की 19 विधानसभा सीटों पर मतदान होंगे।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में देश और राज्य में चली मोदी लहर का असर इस इलाके
पर भी था। यहां की चारों लोकसभा सीटों -झांसी, जालौन, हमीरपुर व बांदा- पर भाजपा
उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी।
बीते लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नजर दौड़ाएं तो एक बात साफ हो जाती है कि मोदी
लहर के कारण चार लोकसभा क्षेत्रों के 19 विधानसभा क्षेत्रों में से 18 पर भाजपा
उम्मीदवारों ने बढ़त बनाई थी। झांसी लोकसभा सीट का सिर्फ मउरानीपुर विधानसभा
क्षेत्र ही ऐसा था, जहां समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार ने बढ़त बनाई थी।
वरिष्ठ पत्रकार बंशीधर मिश्र का कहना है, "यह बात सही है कि लोकसभा चुनाव
जैसी कोई लहर नहीं है, क्योंकि युवा वर्ग में इस चुनाव को लेकर वह उत्साह नहीं है
जो लोकसभा चुनाव में था। लहर और माहौल युवा वर्ग बनाता है और वहीं शांत है।"
बकौल मिश्र, "भाजपा को लोकसभा जैसी बढ़त मिलने की बात सिर्फ बुंदेलखंड या यूं
कहें कि पूरे प्रदेश में कहना आसान नहीं है, क्योंकि तब मोदी लहर थी। इस बार ऐसा
नहीं है। एक तरफ युवा शांत है तो दूसरी ओर आम मतदाता मौन है। अब अगर किसी दल के
पक्ष में अंडर करंट हो तो उसे समझना आसान नहीं है।"
भाजपा के एक नेता ने स्वीकार किया, "यह बात सही है कि वर्ष 2014 के लोकसभा
चुनाव जैसा माहौल भाजपा के पक्ष में नहीं है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव जैसी
खराब हालत भी नहीं। कार्यकर्ता उत्साहित नहीं है, क्योंकि बड़े नेताओं ने
अपनी-अपनी पसंद के लोगों को उम्मीदवार बनाया है। दल-बदल वाले भी टिकट पा गए, जिससे
कार्यकर्ता महज खानापूर्ति में लगे हैं।"
बुंदेलखंड के वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो यहां बहुजन समाज
पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी में बराबरी का मुकाबला था। बसपा ने जहां सात
सीटों पर कब्जा जमाया था, वहीं समाजवादी पार्टी के खाते में कुल छह सीटें आई थीं।
इसके अलावा कांग्रेस चार और भाजपा को दो सीटें मिली थीं। उसके बाद एक उपचुनाव में
सपा ने चरखारी सीट भाजपा से छीन ली थी।
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