झांसी। कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नही होता है। छोटा से छोटा काम भी आदरणीय हैं और वह किसी भी व्यक्ति का महान बनाने में सक्षम है। काम करने में हमें गौरव का अनुभव करना चाहिये। यह उद्गार आज बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सुरेन्द्र दुबे ने व्यक्त किये। प्रो0 दुबे आज बुन्देलखण्ड विष्वविद्यालय के गांधी सभागार में राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के सुविचार एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। प्रो0 दुबे ने कहा कि साक्षर होने तथा शिक्षित होने में काफी अन्तर है। एक अशिक्षित अथवा अल्प शिक्षा प्राप्त व्यक्ति भी उच्च कोटि का ज्ञान रख सकता है। मानव अभ्यास से ही सीखता है। वर्तमान तथा पिछली पीढ़ी की सोच में आए बदलाव पर उन्होंने कहा कि आज के युवाओं के आईकान आजाद, सुभाष, भगत सिंह तथा विवेकानन्द नहीं होते है। इस हेतु हमें ऐसे नवयुवक तैयार करने है जो दुनिया मे सकारात्मक वदलाव की सोच रखें। यह सब राष्ट्रीय सेवा येाजना के माध्यम से सरलता से हो सकता है। इस योजना से देश की विविधता में एकता का सूत्र ढूंढा जा सकता है।
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