नई दिल्ली। एनआईए ने बुधवार को हैदराबाद में इस्लामिक स्टेट के मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। एनआईए ने 11 लडकों को हिरासत में लिया। आरोप है कि ये युवा शक्तिशाली बम धमाकों से शहर के वीवीआईपी और भीड़भाड़ वाले इलाकों को निशाना बनाना चाहते थे। लेकिन, इस बीच जांच एजेंसी के हाथ एक और जानकारी लगी है, उसके मुताबिक ये लोग चारमीनार के पास स्थित भाग्यलक्ष्मी मंदिर में गोमांस और भैंस का मीट रखकर शहर में दंगा भडक़ाना चाहते थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हिरासत में लिए गए संदिग्धों ने पूछताछ में बताया है कि वे वीवीआईपी को मारने के लिए ताकतवर बम बना रहे थे। हैदराबाद के सबसे मशहूर भाग्यलक्ष्मी मंदिर में बीफ फेंककर ये कम्यूनल टेंशन फैलाने की साजिश रच रहे थे। ये लोग ऐसा करके शहर में दंगे कराना चाहते थे।
खुलासे के मुताबिक, ये काम अभी चल रहे रमजान के दौरान ही किया जाना था। वक्त रहते एनआईए ने इस साजिश को पूरी तरह से नाकाम कर दिया। जानकारी के मुताबिक, हिरासत में लिए गए सभी लोग करीब 5 महीने से एनआईए के रडार पर थे। ये सभी नौकरी करते थे और भारत में आईएस के चीफ रिक्रूटर शफी अरमार के टच में थे। बताया जाता है कि 26 जून की शाम एनआईए ने एक फोन ट्रेस किया। इसके बाद इस एजेंसी ने तय कर लिया कि इन लोगों पर एक्शन लेना बेहद जरूरी हो गया है। इस बातचीत में एक संदिग्ध ने दूसरे से कहा था कि वो गाय और भैंस के मांस के चार-चार पीस दो दिन तक लगातार लाए। 27 जून तक 7 और गायों का इंतजाम किया जाए। 200 लीटर हाइड्रोन पैराऑक्साइड का भी इंतजाम करो। ट्रेस हुई बातचीत में एक संदिग्ध को कहते सुना गया, काम को अंजाम देने के लिए तैयार हैं हम।
दुबई से मिल रहा था पैसा
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