टीकमगढ़। मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले में जल संचयन के लिए एकता परिषद द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में हर वर्ग के लोग श्रमदान कर जल संचयन संरचनाओं को बनाने में लगे हैं। पानी के संकट से जूझते टीकमगढ़ जिले के लोग बूंद-बूंद पानी का संचयन करने के साथ बारिश के पानी को बर्बाद नहीं होने देना चाहते हैं। इसके लिए वे श्रमदान करने में भी पीछे नहीं है। यह नजारा देखने को मिल रहा है पलेरा विकासखंड के छरी पंचायत और टोरी पंचायत में जहां के डेड़ सौ स्थानीय ग्रामीण सांदनी नदी पर 150 फीट लंबा, 15 फीट चौड़ा और पांच फीट ऊंचा स्टॉप डैम बना रहे हैं।
एकता परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक अनीश कुमार ने गुरुवार को बताया कि सुबह ‘जय जगत’ और ‘पानी बचाओ, जगत बचाओ’ नारे के साथ श्रमदान शुरू किया जाता है। स्टॉप डैम लगभग आधा बन चुका है। एकता परिषद के संतोष सिंह ने बताया कि सभी ग्रामीण सुबह सात बजे से 11 बजे तक श्रमदान करते हैं। वे चना, मुरमुरा और गुड़ खाकर काम करते हैं। इस स्टॉप डैम को बनाने में एक रुपया भी खर्च नहीं किया जा रहा है। यह पूरी तरह से समुदाय की पहल पर समुदाय द्वारा समुदाय के लिए बनाया जा रहा है।
मुंबई से आए एकता परिषद के वरिष्ठ कार्यकर्ता यतीश मेहता ने कहा कि ग्रामीणों का उत्साह अभूतपूर्व है। आधी संख्या महिलाओं की है। ग्रामीण चाहते हैं कि आगे कम से कम जल संकट का सामना करना ना पड़े, इसके लिए वे सतही जलस्रोत विकसित कर रहे हैं।
(IANS)
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