चंडीगढ़। क्या कोई ऐसा आदमी अनुसूचित जाति का आरक्षण पाने का हकदार है जिसका जन्म तो ब्राह्मण परिवार में हुआ हो लेकिन उसे बाद में अनुसूचित जाति के दंपती ने गोद ले लिया हो? पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया है कि ऐसे व्यक्ति को आरक्षण का लाभ मिलेगा और उसे आरक्षण नीतियों के अंतर्गत सरकारी नौकरी देने से मना नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने यह फैसला संगरूर निवासी रात्ज भारती की एक याचिका पर दिया। भारती को 20 साल एक सरकारी स्कूल में बतौर अध्यापक नौकरी करने के बाद पंजाब सरकार ने बर्खास्त कर दिया था, क्योंकि उनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था और उन्हें एक अनुसूचित जाति के दंपती ने गोद लिया था। [# यहां सुहाग उजड़ने के भय से करवा चौथ का व्रत नहीं] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
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